पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कथित तौर पर हुई हिंसा के मुद्दे पर राज्यपाल धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) कई बार वार-पलटवार कर चुके हैं. तनाव की इस स्थिति में अब पश्चिम बंगाल पहुंची NHRC की टीम ने हमले का आरोप लगाया है. टीम के एक ऑफिशियल ने जादवपुर में हमले का आरोप लगाते हुए कहा कि 'यहां 40 से ज्यादा घर नष्ट किए गए हैं और गुंडों ने हम पर हमला किया है.'
बता दें कि पूर्व खुफिया ब्यूरो प्रमुख राजीव जैन की अध्यक्षता वाली समिति, जिन्होंने 2 जून को एनएचआरसी सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था, पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों का दौरा कर रही है और इन शिकायतों और आरोपों की सत्यता की जांच कर रही है.
इस बीच बीजेपी से राज्यसभा सांसद और पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुनाव लड़ चुके स्वपन दास गुप्ता ने NHRC को खत लिखा है, उन्होंने आरोप लगाया है कि तारकेश्वर की कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है यहां चुनाव के बाद लोगों को राजनीतिक झुकाव के आधार पर अत्याचार का शिकार बनाया गया.
शिकायतों के लिए आमंत्रित किया था
इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) समिति के सदस्यों ने पीड़ितों, शिकायतकर्ताओं को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा से संबंधित मुद्दों और शिकायतों पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था. एनएचआरसी को सुनवाई की अगली तारीख 30 जून तक अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.घंटों बाद, एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा की शिकायतों की जांच करने के लिए एक सात सदस्यीय पैनल का गठन किया और पैनल को उन लोगों की पहचान करने के लिए कहा जो प्रथम दृष्टया हिंसा के लिए जिम्मेदार थे.
समिति में राजीव जैन के अलावा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य राजुलबेन एल देसाई, एनएचआरसी के निदेशक जांच संतोष मेहरा और डीआईजी, जांच मंजिल सैनी, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पांजा और पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव राजू मुखर्जी भी शामिल हैं.
हाईकोर्ट ने समिति गठन का दिया था आदेश
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राज्य चुनाव जीतने के बाद भड़की हिंसा पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट ने 18 जून को आदेश दिया कि एनएचआरसी को समिति का गठन करना है. राज्य सरकार अगले दिन एक समीक्षा याचिका के साथ हाईकोर्ट पहुंची, जिसमें पांच न्यायाधीशों से अपने आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया था.
सीएम बनर्जी Vs राज्यपाल धनखड़
चुनाव के नतीजों के बाद से ही बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ लगातार अभियान चलाते हुए आरोप लगाया है कि उसके समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है. साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि पार्टी का समर्थन करने के लिए 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई है और महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की गई है.
इससे पहले से ममता बनर्जी सरकार और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के बीच अनबन की खबरें लगातार आती रही हैं.2 मई के नतीजों के ठीक 10 दिन बाद राज्यपाल के अकाउंट से ट्वीट कर एक शेड्यूल जारी किया गया,राज्यपाल धनखड़ 13 मई को कूचबिहार के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जा रहे थे और इसी दौरे का शेड्यूल ट्वीट किया गया था.
राजभवन की तरफ से बताया गया कि 14 मई को जगदीप धनखड़ असम के उन इलाकों में भी जाएंगे जहां चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित पश्चिम बंगाल के लोग कैंपों में रह रहे हैं. इसके तुरंत बाद ममता बनर्जी एक चिट्ठी लिखती हैं कि ये दशकों से चले आ रहे प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. ममता ने राज्यपाल से चले आ रहे नियमों के पालन की 'अपील' की थी.इसके बाद से ही चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा को लेकर दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. तनाव के बीच राज्यपाल धनखड़ दिल्ली आकर पीएम, गृहमंत्री और राष्ट्रपति से भी मिले थे.
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