महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत कौर राणा फिर एक बार चर्चा में है. बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच ने सांसद नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है. अब इस वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में पड़ी है. साथ ही कोर्ट ने उनपर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. नवनीत राणा अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है. ऐसे में नवननीत राणा के पॉलिटिकल करियर, विवाद के बारे में जानते हैं.
नवनीत राणा से जुड़ा ये विवाद है क्या?
अमरावती से पूर्व शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल ने नवनीत राणा के खिलाफ जाति प्रमाण-पत्र के फर्जी दस्तावेज सौंपने का आरोप लगाया था. इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी. 2013 में नवनीत राणा को अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र हासिल हुआ था. लेकिन इस प्रमाणपत्र में जिस स्कूल से लिविंग सर्टिफिकेट दिखाया गया है वो स्कूल अस्तित्व में ही ना होने का आरोप आनंदराव अडसुल ने लगाया था.
इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में रिट पेटिशन दाखिल की. याचिका के बाद कोर्ट ने नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र फिर जांच समिति के पास भेज दिया. इसे समिति ने अवैध ठहराया था. लेकिन 2017 को नवनीत राणा ने मुंबई उपनगर के कलेक्टर ऑफिस से फिर एक बार जाति प्रमाण-पत्र हासिल किया. इसी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नवनीत राणा ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा अडसुल को तकरीबन 36,000 वोट से मात देकर संसद पहुंचीं.
दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम कर चुकी हैं नवनीत राणा?
राजनीति में आने से पहले नवनीत राणा दक्षिण भारत की फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम कर चुकी हैं. तेलुगु भाषा की कई हिट फिल्में नवनीत राणा के खाते में हैं. नवनीत ने मलयालम, पंजाबी और हिंदी सिनेमा में भी काम किया है. फिल्मों में आने से पहले वो मॉडलिंग किया करती थीं. मुंबई में पली बढ़ी नवनीत ने 12वीं तक पढ़ाई की जिसके बाद उन्होंने मॉडलिंग शुरू की थी. नवनीत के माता-पिता पंजाब से आते हैं और पिता सेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं.
2011 में नवनीत ने फिल्मों से ब्रेक लिया और अमरावती के बडनेरा से निर्दलीय विधायक रवि राणा से शादी की.
ये शादी चर्चा का विषय बनी थी क्योंकि 3000 से ज्यादा जोड़ों को साथ इन दोनों ने सामुहिक विवाह किया था. इस सामूहिक विवाह समारोह में 350 जोड़ों ने नेत्रहीन और 470 जोड़े दिव्यांग थे. उस समय का ये सबसे बड़ा सामूहिक विवाह रहा था.इस शादी में बाबा रामदेव समेत तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी पहुंचे थे.
नवनीत राणा की राजनीतिक सफर
2014 में नवनीत राणा ने पहली बार चुनावी अखाड़े में अपना नसीब आजमाया था. अमरावती लोकसभा क्षेत्र से एनसीपी के टिकट पर नवनीत राणा ने शिवसेना के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक आनंदराव अडसुल को चुनौती दी थी. लेकिन 2014 में नवनीत हार गई. 2019 में एक बार फिर नवनीत लोकसभा चुनाव लड़ीं. लेकिन इस बार निर्दलीय उम्मीदवार की तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. हालांकि, उस समय भी विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी ने नवनीत राणा को समर्थन दिया था. इस बार राणा ने आनंदराव अडसुल के खिलाफ शानदार जीत हासिल की.
पहली भी सुर्खियों में रह चुकी हैं
जब से नवनीत राणा सांसद बनी है तब से उन्होंने शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अंबानी के एंटीलिया बम धमकी मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे के खिलाफ सांसद में आवाज उठाने वाली वो पहली सांसद है. इतना ही नही बल्कि सचिन वाझे के सीएम उद्धव ठाकरे के लिए काम करने का सनसनीखेज आरोप नवनीत राणा ने ही लगाया था. इन आरोपों के बाद नवनीत राणा ने दावा किया कि उन्हें धमकी भरा खत मिला है. राणा ने इसके लिए शिवसेना सांसद संजय राउत पर आरोप लगाए थे. अभी कुछ महीनों पहले ही नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लेटर लिखकर कहा था कि शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने संसद की लॉबी में उन्हें धमकाया है. हालांकि, सावंत ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया था.
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