ADVERTISEMENTREMOVE AD

पंजाब को मिलने जा रहा पहला दलित मुख्यमंत्री, कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी?

महज चार साल पहले, पहली बार कैबिनेट मंत्री बने थे Charanjit Singh Channi

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

पंजाब में आखिरकार दिन भर से चल रहा सियासी ड्रामा खत्म हो गया है. सभी को हैरान करते हुए कांग्रेस में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नाम पर मुहर लगाई है. अब कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के बाद चन्नी अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री पद के पायदान तक पहुंचने वाले पहले दलित हैं.

महज चार साल पहले पहली बार कैबिनेट मंत्री बने थे चन्नी

इससे पहले चन्नी, कैप्टन अमरिंदर की सरकार में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री थे. बता दें चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहने वाले चरणजीत सिंह चन्नी 2015 से 16 के बीच पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं.

चरणजीत सिंह चन्नी रामदासिया दलित सिख समुदाय से आते हैं. उन्हें महज चार साल पहले, मतलब 16 मार्च 2017 को ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गांधी परिवार से रहे है नजदीकी संबंध

पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गांधी परिवार से खासकर राहुल गांधी से नजदीकी संबंध रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा जैसे बड़े नामों के बीच चरणजीत सिंह चन्नी का चुना जाना दिखाता है कि उनके ऊपर गांधी परिवार का भरोसा रहा है.

चन्नी युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि इसी दौरान मैं राहुल गांधी के ज्यादा करीब आए. वे कई मौकों पर राहुल गांधी के साथ देखे भी गए है.

दलितों में खास पकड़ है

मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी को चुनने के पीछे एक कारण यह भी है कि इनकी दलितों में खास पकड़ है.

चरणजीत सिंह चन्नी खुद रामदासिया सिख समुदाय से आते हैं और अनुसूचित जाति से आने वाले पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं. पंजाब में करीब 32 फीसदी सिख दलित हैं

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रेस में सबसे आगे चल रहे थे सुखजिंदर सिंह रंधावा

बता दें पिछले दो दिनों से कई लोगों का नाम सीएम पद की रेस में आ रहा था. लेकिन रविवार को कैप्टन सरकार के एक और मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम खुलकर सामने आने लगा. कई विधायकों ने तक रंधावा के मुख्यमंत्री बनने की बात कह दी थी. लेकिन आखिर में हरीश रावत ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया. इसके बाद रंधावा ने कहा, "यह आलाकमान का फैसला है... मैं इसका स्वागत करता हूं. चन्नी मेरे छोटे भाई की तरह है...मैं बिल्कुल भी निराश नहीं हूं."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×