दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि अगर वायु गुणवत्ता आगे बिगड़ती रही तो ऑड-इवन योजना को आगे तक जारी रखा जा सकता है. केजरीवाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ वायु प्रदूषण के कारण दुनिया के सामने देश की छवि की भी चिंता है.
“जरूरत पड़ी तो हम ऑड-इवन की अवधि बढ़ा सकते हैं.”अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
केजरीवाल ने कहा कि पिछले महीने, जब जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल दिल्ली में थीं, तब चारों तरफ धुंध थी.
केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और अगर यहां इतना धुंध है, तो दुनिया में क्या संदेश जा रहा है. मर्केल जब यहां थीं तब चारों तरफ धुंध था. उससे क्या संदेश गया होगा?"
ऑड-इवन सिस्टम क्या है?
दिल्ली में 4-15 नवंबर के बीच ऑड-इवन नियम लागू है. इस नियम के मुताबिक, महीने के ऑड (विषम) तारीख पर दिल्ली की सड़कों पर सिर्फ ऑड नंबर से खत्म होने वाले रजिस्ट्रेशन संख्या वाली कारों को चलाने की ही अनुमति है. वहीं इवन (सम) तारीख पर सिर्फ सम नंबर से खत्म होने वाली गाड़ियों को अनुमति है. रविवार को छोड़कर ये नियम सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक मान्य है. साथ ही इस योजना का उल्लंघन करने पर 4,000 रुपये जुर्माना भी रखा गया है.
ऑड-इवन स्कीम का उल्लंघन करने पर तीन दिनों में 982 चालान कट चुके हैं. पहले दिन 192, दूसरे दिन 384 और तीसरे दिन 406 चालान काटे गए.
बीजेपी ने किया था विरोध
दिल्ली-एनसीआर में हर साल की तरह इस साल भी प्रदूषण ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है. वहीं बीजेपी और आम आदमी पार्टी प्रदूषण के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. सत्ताधारी AAP ऑड-इवन स्कीम को कामयाब बता रही है, तो बीजेपी ने इस योजना को मानने से ही इनकार कर दिया है.
ऑड-इवन लागू होने के पहले ही दिन बीजेपी नेता विजय गोयल ने जानबूझकर नियम का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उन्हें 4000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था.
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