भारतीय मूल के इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को मलेशिया से भारत वापस लाने के मुद्दे में एक नया मोड़ आया है. मलेशिया के प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि पीएम मोदी ने उनसे जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की कोई बात नहीं की. दोनों नेताओं में तमाम मुद्दों पर बात हुई, लेकिन प्रत्यर्पण को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया.
पीएम मोदी रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उन्होंने मलेशिया के पीएम से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं की बैठक के बाद खबर आई थी कि पीएम मोदी ने महाथिर मोहम्मद के साथ विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया.
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया को बताया था कि नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं. हालांकि तब उन्होंने पीएम मोदी और मलेशिया के पीएम के बीच बातचीत के बारे में कुछ साफ नहीं किया था. लेकिन इसके बाद सूत्रों के हवाले से बताया गया कि नाइक के प्रत्यर्पण पर मलेशिया के पीएम ने सकारात्मक रुख अपनाया है.
जाकिर नाइक पर गंभीर आरोप
विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर भारत में कई गंभीर आरोप लगे हैं. ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में जुलाई 2016 में हुए आतंकी हमले में नाइक का नाम आने के बाद आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों के सिलसिले में उसे भारत में वांटेड घोषित किया गया था. जिसके बाद नाइक भागकर मलेशिया चला गया और वहां की नागरिकता भी ले ली.
जाकिर नाइक अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाना जाता है. मलेशिया में भी उसने कई भड़काऊ भाषण दिए, जिसके बाद यहां की सरकार ने उसके भाषणों पर ही बैन लगा दिया. मलेशिया की सरकार ने नस्लीय सौहार्द के संरक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह फैसला लिया.
बता दें कि भारत लगातार कोशिश कर रहा है कि मलेशिया नाइक को भारत वापस लाया जाए. उसके प्रत्यर्पण के लिए लगातार सरकार से बातचीत हो रही है. कुछ समय पहले मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके पास नाइक को प्रत्यर्पित न करने का अधिकार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि नाइक को लगता है कि उसे भारत में न्याय नहीं मिलेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)