गंगा और यमुना (Ganga-Yamuna Floods) का जलस्तर बढ़ गया है और दोनों नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी है. इस वजह से यूपी के कई गांवों में मुसीबतें बढ़ गई हैं. प्रयागराज (Prayagraj) के पास एक गांव के पावर हाउस में गंगा नदी का पानी भर जाने के कारण दर्जनों गांव में बिजली कटने से अंधेरा छा गया है.
प्रयागराज के थरवई थाना क्षेत्र के गोड़वा गांव स्थित पावर हाउस में गंगा नदी का पानी भर जाने से दर्जनों गांवों में बिजली की सप्लाई ठप हो गई है. इन गांवों में यह पहली बार नहीं हो रहा है. अब महीनों तक इन गांवों को अंधेरे में रहना होगा.
हर साल प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी पावर हाउस को दूसरी जगह शिफ्ट करने का वादा तो करते हैं लेकिन यह वादे कभी पूरे नहीं होते और एक बार फिर गांव वालों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
सालों पहले तो यहां पावर हाउस भी नहीं था जो कि थरवई थाना क्षेत्र के गोड़वा गांव के ग्रामीणों की मांग पर बनाया गया था. पावर हाउस बन तो गया लेकिन लेकिन ऐसे क्षेत्र में जहां गंगा नदी में बाढ़ आते ही यह डूब जाता है. हर साल लगभग दो महीने तक यह पावर हाउस में पानी में डूबा होत है.
गंगा-यमुना उफान पर, प्रयागराज में हालात बुरे
प्रयागराज में गंगा और यमुना विकराल रूप ले चुकी हैं. शुक्रवार को दोनों नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी है. अब दोनों नदियां खतरे के निशान के पास पहुंच गई हैं.
बाढ़ से दो लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है. तकरीबन 30 मोहल्ले और 105 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. तटीय इलाकों में रहने वाले छात्र और बाकी लोग अपनी जगह छोड़ने पर मजबूर हुए. लगभग 55 हजार से ज्यादा छात्रों ने अपना छात्रावास छोड़ा है. शहर के कई मोहल्लों में तीन हजार से अधिक घरों में पानी घुस गया है.
इनपुट क्रेडिट - सुधीर शुक्ला
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