उन्होंने कहा, गहलोत के आरोपों में कोई दम नहीं है। हमें अब भी सचिन पायलट की जरूरत नहीं है।
पूनिया ने कहा, ऐसा कभी नहीं होता कि किसी पार्टी को अपने डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख को बर्खास्त करना पड़े। हमने किसी को जाकर सरकार गिराने के लिए नहीं कहा। यह उनका अपना मुद्दा था। झगड़े के दौरान भाजपा को एक कारण बनाने का प्रयास किया गया है। गलती उनकी अपनी थी। गहलोत ने भाजपा को अपने बचाव के लिए आरोप का माध्यम बनाया है।
पूनिया ने आगे कहा कि राजस्थान की जनता 4 साल से परेशान है।
भाजपा मुख्यालय से पायलट समर्थक विधायकों को पैसा भेजने के आरोपों पर पूनिया ने कहा, यह झूठा आरोप है।
एक सवाल के जवाब में कि क्या भाजपा नेताओं ने पायलट और उनके समर्थक विधायकों से मुलाकात की थी, पूनिया ने कहा हम क्यों मिलेंगे? वे हमारे विधायक नहीं थे। पायलट पीसीसी प्रमुख थे। हमने उन्हें नहीं भेजा .. क्या कोई अपनी पार्टी से अलग होना चाहता है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?
गहलोत हमेशा ऐसे आरोप लगाते हैं, जिनका कोई आधार और तर्क नहीं होता, उन्होंने भाजपा मुख्यालय से नकदी भेजे जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा।
उन्होंने कहा, यह केवल उनकी (कांग्रेस) हताशा और निराशा व्यक्त करने का एक तरीका है कि भाजपा को दोष दिया जाना चाहिए।
--आईएएनएस
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