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इशरत जहां केस से जुड़े कई दस्तावेज गायब, जांच शुरू: राजनाथ

गृहमंत्री ने कहा, इशरत जहां केस में पिछली सरकार में हुई गड़बड़ी, तत्कालीन गुजरात सरकार को बदनाम करने की रची गई साजिश.

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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इशरत जहां मामले से जुड़े अहम दस्तावेज गृह मंत्रालय से गायब हो गए हैं और इसकी जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2004 की इस विवादित मुठभेड़ पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार अपने रुख से बार-बार पलटी है.

साल 2009 में तत्कालीन गृह सचिव की ओर से अटॉर्नी जनरल को लिखे दो पत्र गुम हो गए हैं. तत्कालीन अटॉर्नी जनरल ने मामले से जुड़े दो हलफनामों की जांच करवाई थी, वह भी उपलब्ध नहीं है.
राजनाथ ने इशरत जहां मामले में लोकसभा में सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा

लश्कर-ए-तैयबा की कथित आतंकवादी इशरत जहां को 15 जून, 2004 को एक ‘फर्जी’ पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने गुम दस्तावेजों का पता लगाने के लिए एक ‘अंदरूनी जांच’ शुरू की है, जिससे सारे पहलू खुलकर सामने आ जाएंगे.

‘आतंकवादी थी इशरत जहां’

राजनाथ सिंह ने तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि उन हलफनामों में तत्कालीन गृहमंत्री के हस्तक्षेप पर सुधार करवाया गया था. उन्होंने एक बार फिर पुष्टि करते हुए कहा कि ठाणे की रहने वाली इशरत एक आतंकवादी थी. अमेरिकी-पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने भी हाल में अपनी गवाही में यह बात कही.

राजनाथ ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कहा,

मैं यह कहते हुए दुखी हूं कि इशरत जहां मामले पर पिछली यूपीए सरकार का रुख बदलता रहा है.

तत्कालीन गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश रची गई थी

राजनाथ ने पूर्ववर्ती सरकार पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए एक साजिश रचने का भी आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “तत्कालीन गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री को कलंकित करने के लिए हलफनामे को बदल दिया गया. उन्हें मामले में घसीटने के लिए एक षड्यंत्र रचा गया.”

गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल पहले हलफनामे में उसे एलईटी की आतंकवादी बताया गया, लेकिन बदकिस्मती से एक माह बाद फाइल किए गए अन्य हलफनामे में तथ्यों को दूसरी ही दिशा दे दी गई. ऐसा लगता है कि मामले को कमजोर करने की एक कोशिश गई है.”  
राजनाथ सिंह, गृह मंत्री

कांग्रेस ने ही दिया ‘भगवा आतंकवाद’ का नाम

राजनाथ ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार ने देश में आतंकवाद को राजनीतिक व सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और याद दिलाया कि हिंदू नागरिकों द्वारा अंजाम दी गई कथित हिंसक गतिविधियों को कांग्रेस ने ही भगवा आतंकवाद’ का नाम दिया है.

उन्होंने कहा, “भगवा आतंकवाद नाम पिछली सरकार ने दिया था.”

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