राजस्थान (Rajasthan Rajyasabha Election) में राज्यसभा चुनाव से पहले लगातार फेरबदल होते जा रहे हैं. यहां चार सीटों पर चुनाव होना है. लेकिन बुधवार, 8 जून को भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने कांग्रेस (Congress) को समर्थन देने की बात करने के बाद व्हिप जारी कर अपने विधायकों को चुनाव में हिस्सा न लेने को कहा है. इस व्हिप ने कांग्रेस पार्टी की चिंता को और बढ़ा दिया है.
बुधवार को भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने देर शाम व्हिप जारी कर दी. इसके तहत दोनों विधायकों को साफ हिदायत दी गई कि उनकी पार्टी राज्यसभा चुनाव में भाग नहीं लेगी. हालांकि दोनों विधायक व्हिप के बावजूद वोटिंग प्रक्रिया में शामिल होते हैं या नहीं इस पर सबकी नजर रहेगी.
बीटीपी के इस चुनाव को लेकर पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासी इलाकों में विकास कार्यों की अनदेखी की वजह से चुनाव में हमारी पार्टी हिस्सा नहीं लेगी. उन्होंने सागवाड़ा से पार्टी विधायक रामप्रसाद डिंडोर और चौरासी विधायक राजकुमार रोत को पत्र लिखकर व्हिप पर तटस्थ रहने को कहा है.
उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने बीटीपी को वोट देकर इतिहास रचा है. क्षेत्र की मांगों को विधानसभा में भी जोरदार तरीके से उठाया गया है. इतना ही नहीं कांग्रेस के संकट के समय भी हमने उन्हें सहयोग किया. लेकिन सरकार की ओर से हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
बीटीपी की मांगों को लगातार दरकिनार करती आई सरकार
बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि हमारे विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया था.
बीटीपी ने राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए महाराष्ट्र पैटर्न लागू करने की मांग रखी है. इसके लिए साल 2019 में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को 32 सूत्री मांग पत्र भी दिया गया था. जब इसपर कोई ठोस सुनवाई नहीं हुई तो 18 जुलाई 2020 को फिर 17 सूत्री मांगों से अवगत करवाया गया था. लेकिन मांगों को सरकार द्वारा दरकिनार किया गया.
बता दें कि कांग्रेस के पास 108 विधायकों का वोट है, बीजेपी के पास 71, आरएलपी के पास 3, आरएलडी के पास एक, वामपंथी पार्टी के पास 2 और 13 निर्दलीय विधायक हैं.
इनपुट क्रेडिट- पंकज सोनी
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