राजस्थान के चर्चित रीट लेवल-2 पेपर लीक केस में एसओजी ने पूर्व बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली को क्लीनचिट दे दी है. गुरुवार को हाई कोर्ट में एसओजी ने मामले से जुड़ी फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी. 40 पन्नों की रिपोर्ट में एसओजी ने डीपी जारौली से की गई पूछताछ का नोट भी कोर्ट में सब्मिट किया है.
एसओजी ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने जारौली सहित बोर्ड के अन्य अधिकारियों से पूछताछ की थी. लेकिन किसी के खिलाफ भी मामला नहीं बनता. इस पर कोर्ट ने एसओजी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए आगे से जांच की मॉनिटरिंग करने से मना कर दिया. वहीं मामले की फाइनल सुनवाई 25 जुलाई को तय की
एसओजी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि पूरे मामले में अब तक 71 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें से 65 लोगों के खिलाफ चालान भी पेश किया जा चुका है. वहीं शेष की प्रकिया जारी है.
Whatsapp पर लीक हुआ थे पेपर
बता दें कि 26 नवंबर 2021 को प्रदेश में थर्ड ग्रेड टीचर के लिए रीट लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी. लिखित परीक्षा के समय से पहले ही कुछ लोगों के पास रीट का पेपर वॉट्सअप पर आ गया था. सबसे पहले सवाईमाधोपुर के गंगापुरसिटी में दो पुलिस कांस्टेबल देवेन्द्र गुर्जर और यदुवीर सिंह के मोबाइल में रीट का पेपर मिला था.
दोनों अपनी पत्नियों को नकल करवा रहे थे, वहीं किशनगढ़ और बीकानेर में अभ्यर्थी हाईटेक तरीके से नकल करते हुए पकड़े गए थे. उसके बाद सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच एसओजी को सौंप दी थी. वहीं बोर्ड अध्यक्ष डीपी जौराली व बोर्ड सचिव को पद से हटा दिया था.
रीट लेवल-1 भी होगी रद्द या फिर रीट लेवल-2 होगी बहाल!
रीट लेवल-2 का पेपर नकल प्रकरण में फंसने के बाद सरकार ने पूरी भर्ती परीक्षा हो ही रद्द कर दिया था. जिससे परीक्षा देने वाले लाखों अभ्यर्थी निराश थे. वहीं रीट लेवल-1 को लेकर नियुक्ति प्रकिया जारी है. इसे लेकर एबीवीपी, मधु नागर और अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इसमें से कुछ याचिकाओं में लेवल-2 के साथ लेवल- के पेपर को भी रद्द करने की मांग की गई है.
वहीं कुछ याचिकाओं में लेवल-2 को बहाल करने की गुहार लगाई गई है. अब एसओजी की रिपोर्ट स्वीकार करने के बाद हाई कोर्ट इन दोनों मुद्दों पर 25 जुलाई को फाइनल सुनवाई करेगा.
इधर जारोली को एसओजी की क्लीन चिट पर सवाल खड़े करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि रीट पेपर लीक प्रकरण में मैं राज्य सरकार से पूछना चाहता हूं कि सरकार ने फिर डीपी जारोली को बर्खास्त क्यों किया और बर्खास्त होने के बाद डीपी जारोली ये खुद स्वीकारा की बिना राजनीतिक संरक्षण के पेपर लीक नहीं हों सकता, यह साफ संकेत देता है डीपी जारोली की रीट पेपर लीक में भूमिका थी. अब राज्य सरकार डीपी जारोली को क्लीन चिट दे रही है ताकि बड़े मगरमच्छ ना पकड़े जाए.
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