देश की पहली रीजनल रैपिड रेल (Regional Rapid Rail) आखिरकार उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में सोमवार को पहुंच गई. गुजरात से तकरीबन 950 किलोमीटर दूरी तय करके ट्रेन के छह कोच छह बड़े ट्रेलर पर लादकर लाए गए. इन्हें फिलहाल गाजियाबाद के दुहाई डिपो के अंदर खड़ा किया गया है. अब बड़ी क्रेनों की मदद से ये कोच उतारकर आपस में जोड़े जाएंगे.
गुजरात से गाजियाबाद का सफर करीब एक हफ्ते में पूरा हुआ है. हरियाणा के धारूहेड़ा, मानेसर, गुरुग्राम से सफर तय करते हुए ये छह ट्रेलर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के रास्ते गाजियाबाद के दुहाई डिपो पर सोमवार सुबह पहुंचे. NCRTC प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि पहली रैपिड रेल आ गई है. लेकिन, इसे ट्रेलर से उतारने और जोड़ने में अभी कुछ वक्त लग सकता है.
गौरतलब है कि 7 मई को गुजरात के एलस्टॉम कंपनी के प्लांट में आयोजित कार्यक्रम में पहली रैपिड रेल भारत सरकार को सौंपी गई थी. एलस्टॉम कंपनी में कुल 40 कंपलीट ट्रेनें तैयार की जा रही हैं. इस तरह की 39 ट्रेनें और आनी हैं. इसी साल के अंत तक फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच रैपिड रेल का ट्रायल होगा और साल 2023 में यह रन करने लगेगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की लंबाई 82 किलोमीटर है. इस पूरे कॉरिडोर पर रैपिड रेल साल 2025 में जाकर चल पाएगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)