यूक्रेन पर महासभा के आपातकालीन सत्र में उन्होंने कहा, कोई भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को सही नहीं ठहरा सकता।
कल, रूसी परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। यह शत्रु को शांत करने वाला घटनाक्रम है। परमाणु संघर्ष का विचार समझ से बाहर है।
रूसी वीटो के कारण इस मुद्दे पर परिषद के गतिरोध के बाद यूक्रेन संकट को संदर्भित करने के लिए रविवार को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के बाद महासभा का 11वां आपातकालीन सत्र बुलाया गया।
भारत ने प्रस्ताव पर अन्य दो एशियाई देशों के साथ परिषद, चीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ भाग लिया था।
महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, महासभा के इस 11वें आपातकालीन विशेष सत्र का आयोजन चार्टर में निहित है और संकल्प 377 ए (वी) में शांति के लिए एकजुट शीर्षक से अनिवार्य है, यह सुनिश्चित करने का एक नया अवसर है कि नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र शांति और सुरक्षा से संबंधित मामलों पर हम जिन लोगों की सेवा करते हैं, उनकी अपेक्षा पर निर्भर है।
कोरियाई संकट पर सोवियत संघ के प्रस्तावों के वीटो के जवाब में 1950 में असेंबली द्वारा यूनाइटेड फॉर पीस संकल्प को अपनाया गया था और यह परिषद के गतिरोध होने पर असेंबली के लिए कार्य करने का आधार बनाता है, हालांकि इसके संकल्प बाध्यकारी नहीं हैं।
तत्काल युद्धविराम और कूटनीति की वापसी का आह्वान करते हुए शाहिद ने कहा, रूसी संघ द्वारा सैन्य आक्रमण यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के साथ असंगत है।
शाहिद ने यह भी कहा कि सत्र युद्ध बयानबाजी का मंच नहीं बनना चाहिए।
--आईएएनएस
एसजीके
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