बीजेपी सांसद और सिनेस्टार रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने नोटबंदी को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री के डिमोनेटाइजेशन के कदम को तो सही बताया, लेकिन इसकी तैयारियों पर सवाल खड़े किए.
प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया कदम बेहद प्रशंसनीय है, लेकिन डिमोनेटाइजेशन को बिना तैयारी के लागू किया गया है. अगर वो डिमोनेटाइजेशन को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कहते हैं, तो उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बनने वाली स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए था.शत्रुघ्न सिन्हा, बीजेपी सांसद
पार्टी से नाराज चल रहे हैं ‘शॉटगन’
अपनी ही पार्टी से शत्रुघ्न सिन्हा की नाराजगी किसी से छुपी नहीं है. समय-समय पर वो अपनी पार्टी के नेताओं और सरकार पर निशाना साधते रहते हैं.
बिहार चुनाव के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जान-बूझकर उन्हें चुनाव से बाहर रखा. इसके अलावा उन्होंने बिहार में पार्टी की हार के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की भी मांग की थी.
जब अरुण जेटली पर कीर्ति आजाद ने डीडीसीए में घोटाले के आरोप लगाए थे, तब भी शत्रुघ्न ने खुले तौर पर आजाद का समर्थन किया था.
पार्टी लाइन के विपरीत जाते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने छात्र नेता कन्हैया कुमार का भी समर्थन किया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कोई राष्ट्रविरोधी बातें नहीं की थीं, न ही उन्होंने संविधान के विरोध में कुछ कहा था. इस मामले पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने उनसे इस्तीफे की भी मांग की थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)