1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस केस की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी जी गौड़ा ने खुद को अलग कर लिया है.
उत्तरप्रदेश के अयोध्या में रामकोट पहाड़ी पर बनी बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 18 के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं के ऊपर से क्रिमिनल चार्ज को हटा दिया गया था.
दो मामले होंगे कोर्ट के सामने
गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस से जुड़े दो मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. एक केस तो आडवाणी और अन्य नेताओं के खिलाफ 6 दिसंबर 1992 को राम कथा मंच पर भड़काऊ भाषण देने के लिए है. वहीं दूसरा केस उन सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ है, जो विवादित ढांचे के आस-पास एकत्रित थे. दोनों मामलों में सीबीआई ने आपराधिक चार्जशीट दायर की थी.
आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ धारा 153A (दो समुदायों में विद्वेष फैलाना), 153B (देश की एकता को तोड़ने की साजिश रचना) और 505 (झूठे बयान, अफवाह फैलाकर शांतिभंग करना) के तहत आरोपी बनाया था.
स्वामी की याचिका पर भी होगी सुनवाई
आज सुप्रीम कोर्ट बीजेपी लीडर सुब्रह्मण्यम स्वामी की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने रामजन्म भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए अनुमति मांगी है. साथ ही सुनवाई होगी इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले की, जिसमें कहा गया था कि भगवान राम का जन्म वहीं हुआ था, जहां आज मेकशिफ्ट राम मंदिर है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी. इसके बाद विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए शीर्ष कोर्ट ने वहां किसी तरह की धार्मिक गतिविधि पर रोक लगा दी थी.
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