बिहार में 17 वर्षीय किशोर की गुरुवार दोपहर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह टीकाकरण केंद्र से भाग गया।
घटना जमुई जिले के चकाई में 10 प्लस 2 स्कूल में स्थित एक टीकाकरण केंद्र में हुई।
बिहार सरकार ने 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए टीकाकरण शुरू किया है और बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियां टीकाकरण केंद्र पर पहुंच रहे हैं। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिला प्रशासन ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) का प्रावधान किया है।
गुरुवार को जब उस किशोर का आरएटी हुआ और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो मेडिकल स्टाफ ने उसे क्वारंटीन करने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन वह भाग गया।
जमुई के स्वास्थ्य विभाग ने उसे ट्रेस कर होम आइसोलेशन में रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस बीच, बिहार में मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों के बीच संक्रमण फैलता जा रहा है। गुरुवार को पटना एम्स के 15 और पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 12 डॉक्टरों ने कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके साथ, बिहार में अब तक कुल 550 डॉक्टर, मेडिकल छात्र और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
बिहार में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ, लोगों को आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट से गुजरने और अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण कराने के लिए लंबी कतारों में देखा गया।
स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को राज्य में 2379 रोगियों का पता लगाया, जिनमें सबसे अधिक 1407 पटना में, इसके बाद गया में 177 और बेगूसराय जिले में 71 मामले थे। इनके अलावा वैशाली में 35, मधुबनी में 36, समस्तीपुर में 31, भागलपुर में 27, दरभंगा में 24 और मुंगेर में 20 मामले दर्ज किए गए।
--आईएएनएस
एचके/एसजीके
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