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आगरा :‘ऑक्सीजन की कमी,मॉकड्रिल से ही हुई मौत’-2 परिवारों की आपबीती

आगरा के पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

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उत्तर प्रदेश के आगरा में एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर 22 मरीजों की मौत वाले वीडियो पर हड़कंप मचा हुआ है. अब इस अस्पताल को सील कर दिया गया है और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आगरा के पारस अस्पताल के मालिक का एक वीडियो कुछ दिनों पहले वायरल हुआ था, जिसमें वो कहता दिख रहा है कि 27 अप्रैल को अस्पताल में 5 मिनट के लिए मॉक ड्रिल के तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी. अस्पताल और डीएम ने इस बात से इनकार किया था, लेकिन अब पीड़ित परिवार अस्पताल पर नजरअंदाजी समेत कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

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आगरा में रहने वाले अमित चावला ने पारस अस्पताल में एडमिट दो लोगों को 24 घंटे के अंदर खो दिया. पहले उनके पिता की मृत्यु हुई, और फिर पत्नी की मौत हो गई. अमित ने ट्वीट के जरिये अपनी गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था.

“मैंने 12 अप्रैल को अपने पिता को आगरा के पारस अस्पताल में एडमिट करवाया था. उनकी 26 अप्रैल की रात को अस्पताल में मौत हो गई. उनकी मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई. मैंने इसके लिए जिलाधिकारी को, सीएम साहब को, प्रधानमंत्री को, सभी को ट्वीट किया था. उसमें मैंने बताया भी था कि अस्पताल में आक्सीजन की बहुत कमी है. मुझे सारी मेहनत के बाद 1 सिलेंडर मिल पाया था. फिर उसके कुछ समय बाद मेरे पिता चल बसे, जिसके बाद मैंने दोबारा ट्वीट किया कि मेरे पिता नहीं रहे. मैंने उसमे अपनी पत्नी के लिए भी ट्वीट किया था, लेकिन अगले दिन, 27 अप्रैल को उनकी भी मौत हो गई. 26 अप्रैल को मेरे पिता और 27 अप्रैल को मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई.”
अमित चावला

अमित ने मांग की है कि वायरल वीडियो की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए और न्यायपूर्ण तरह से पारस अस्पताल का लाइसेन्स रद्द किया जाए.

“बंद था वेटिंग एरिया का CCTV”

अपनी पत्नी को खोने वाले अशोक कुमार सिंह ने प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में वेटिंग एरिया का CCTV कैमरा भी बंद था. आगरा पुलिस में तैनात अशोक कुमार सिंह के मुताबिक, “मैंने 25 अप्रैल को अपनी पत्नी मुन्नी देवी को अस्पताल में एडमिट करवाया था. 26 अप्रैल को मुझे बताया गया कि मेरी पत्नी की मौत हो गई है. पहले तो मौत कारण हम वही मान रहे थे जो अस्पताल प्रशासन द्वारा दिया गया था, लेकिन अखबार में खबर पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी की हत्या की गई है. अस्पताल के वेटिंग एरिया में लगा CCTV कैमरा बंद कर दिया गया था. यहां पूरी तरीके से डॉक्टर और प्रशासन की लापरवाही रही.”

मुन्नी देवी की बेटी, प्रियंका भी कथित ‘मॉकड्रिल’ को अपनी मां की मौत का कसूरवार ठहराती हैं. प्रियंका ने बताया कि 25 अप्रैल को जब वो लोग मां को अस्पताल लेकर गए, तो उन्होंने बेड देने से मना कर दिया और कहा कि स्ट्रेचर पर ही इलाज करेंगे. प्रियंका ने बताया,

“26 अप्रैल को सुबह 4 बजे फोन आता है कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है. मैंने कहा ऑक्सीजन की व्यवस्था हम कर रहे हैं, आप इलाज कीजिए. 26 अप्रैल को 10 बजे मेरे भाई, मम्मी से मिलने गए 2 मिनट के लिए गए, तब उनकी हालत ठीक थी. मुझे लगता है कि मेरी मम्मी की डेथ मॉकड्रिल से ही हुई है, क्योंकि समय उसी से लिंक है. 10 बजे मेरी मां बिल्कुल ठीक थीं, फिर ऐसा क्या हो गया अचानक? जब परिवार अंतिम संस्कार को लेकर गए, तो देखा गया उनका शरीर नीली पड़ा हुआ है. अस्पताल से लिख कर दिया गया था दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई, लेकिन इसमें शरीर नीला नहीं पड़ता. प्रशासन की लापरवाही है. अस्पताल और स्टाफ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, केवल सील करने से 22 मौतों को इंसाफ नहीं मिलेगा.”
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आगरा प्रशासन ने जारी किया ऑक्सीजन स्टेटस

आगरा प्रशासन ने 25 मई से लेकर 27 मई तक के बीच का जो ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टेटस जारी किया था, उसके मुताबिक, 25 अप्रैल को सप्लाई किए गए सिलेंडर की संख्या 149 थी, वहीं 20 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 26 अप्रैल को 121 सिलेंडर सप्लाई किए गए थे, वहीं 15 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे. 27 अप्रैल को 117 सिलेंडर थे और 16 सिलेंडर रिजर्व रखे गए थे.

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डीएम, अस्पताल ने 22 मौतों से इनकार किया

डीएम आगरा प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 22 मौतें नहीं हुईं. उन्होंने कहा, “ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में 22 मौतों की बात निराधार है. अस्पताल के पास ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.”

डीएम ने बताया कि अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है और इसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है. जो तथाकथित वीडियो है वो 28 अप्रैल का है. 25 अप्रैल को 149, 26 अप्रैल को 121 सिलेंडर और 27 अप्रैल को 117 सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 20 सिलेंडर इनके पास बैकअप के तौर पर था. कुल मिलाकर इनके पास ऑक्सीजन की सप्लाई की कोई कमी नहीं थी.

वहीं, अस्पताल के संचालक डॉ अरिंजय जैन ने भी मॉकड्रिल और 22 मौतों से इनकार करते हुए कहा, “मॉकड्रिल नहीं हुआ था, बल्कि ऑक्सीजन का असेसमेंट हुआ था और अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 22 मौतें नहीं हुईं हैं.”

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