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दिल्ली: प्रदूषण की मार का वक्त शुरू,हवा ‘बहुत खराब’ स्तर तक पहुंची

सर्दियां अभी शुरू भी नहीं हुईं कि दिल्ली में एक बार फिर बेहद प्रदूषण का खतरा दिखना शुरू हो गया है.

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सर्दियां अभी शुरू भी नहीं हुईं कि दिल्ली में एक बार फिर बेहद प्रदूषण का खतरा दिखना शुरू हो गया है. गुरुवार को हल्की धुंध छाने के कारण इस हफ्ते दूसरी बार क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. पूर्वी दिल्ली जिले में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर के समय 320 पर दर्ज की गई, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने 0-50 रेंज में हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 400 से अधिक को गंभीर श्रेणी में बांटा जाता है,

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पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में सबसे प्रदूषित हवा

पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में प्रदूषण निगरानी स्टेशन ने 373 पर सबसे अधिक प्रदूषित हवा दर्ज की, इसके बाद शादीपुर में 361 और पटपड़गंज और मुंडका क्षेत्र में 357 सूचकांक दर्ज की गई. लोधी रोड में सबसे कम वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया. दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही. वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की हवा इन सभी में सबसे अधिक प्रदूषित रही. देशभर में 15 शहरों में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है. लिस्ट में उत्तर प्रदेश का बागपत सबसे ऊपर है, इसके बाद राजस्थान का भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद हैं.

दिल्ली में रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ

सड़कों पर ट्रैफिक सिग्नल रेड होते ही वाहन चालक अपने-अपने वाहनों को ऑफ कर दें. ऐसा करने से दिल्ली का प्रदूषण तेजी से नीचे जा सकता है. लालबत्ती पर गाड़ी बंद कर देने से दिल्ली की हवा में मौजूद हानिकारक पीएम10 के कण (पार्टिकल्स) डेढ़ लाख टन तक काम हो सकते हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों के लिए अपील जारी करते हुए यह बात कही. केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. इन दिनों हर साल की तरह आस-पड़ोस के राज्यों में पराली जलाने से धुआं आने लगा है. पराली के धुएं से होने वाले प्रदूषण को लेकर हम कुछ भी नहीं कर सकते. हां, पर दिल्ली का प्रदूषण कम करने की कोशिश जरूर कर रहे हैं. इसके लिए हमने गुरुवार से एक नया अभियान शुरू किया है. इस अभियान का नाम है 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ'."

विशेषज्ञों ने दिल्ली सरकार को बताया कि यदि केवल 10 लाख वाहन भी लालबत्ती पर अपने वाहनों को बंद कर दें तो ऐसा करने से 1.5 लाख टन, पीएम 10 प्रदूषण कम हो जाएगा. वहीं पीएम 2.5 की बात करें तो इसमें भी 0.4 टन की कमी आएगी.

1 मिनट गाड़ी रुकने का मतलब

विशेषज्ञों के मुताबिक, लालबत्ती पर यदि 1 मिनट गाड़ी खड़ी रहती है तो इस अवस्था में गाड़ी चलने के मुकाबले ज्यादा पेट्रोल जलता है. एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में प्रतिदिन प्रत्येक वाहन चालक को लगभग 15 से 20 मिनट अलग-अलग लालबत्तियों पर रुकना पड़ता है. सर्दियों में रेडलाइट पर आइडलिंग के दौरान गाड़ी से निकलने वाला धुआं नीचे बैठ जाता है, जो प्रदूषण को बढ़ावा देता है. अगर वाहन चालक हर लालबत्ती पर अपनी गाड़ी बंद कर दें तो वह रोजना 200 मिलीलीटर तेल की बचत कर सकते हैं. इससे उन्हें साल में 7000 रुपये की बचत होगी.

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