ADVERTISEMENTREMOVE AD

अजित पवार खोलने ही वाले थे अपनी शपथ का राज, फडणवीस ने रोका

अजित पवार ने सुबह करीब 7 बजे देवेंद्र फडणवीस के साथ ली थी शपथ

Published
राज्य
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

महाराष्ट्र विधानसभा में आज एक ऐसे राज से पर्दा उठते उठते रह गया जिसका जवाब शायद पूरा महाराष्ट्र जानना चाहता है. महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के बाद जब एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बनने ही जा रही थी, तभी 23 अक्टूबर 2019 की सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजित पवार ने उपमुखमंत्री पद की शपथ ले ली. अजित पवार इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठाने ही वाले थे कि फडणवीस ने उन्हें रोक लिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बता दें कि अचानक बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर अजित पवार पर कई सवाल खड़े हुए थे. भले ही वो बहुमत साबित करने में कामयाब नहीं रहे और फिर से शरद पवार के साथ लौटे, लेकिन उनके फडणवीस से हाथ मिलाने का राज पूरी तरह खुल नहीं पाया. महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात पर चर्चा हुई.

0

विधानसभा में अजित पवार पर कटाक्ष

महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक चंद्रकांत पाटिल ने मराठा समाज के युवक जो पिछले कई दिनों से अपनी मांग को लेकर आंदोलन पर बैठे हैं, उनका मुद्दा उठाया और अजित पवार से इस मसले पर ठोस निर्णय लेने को कहा. चंद्रकांत पाटिल ने अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “अजित पवार को तुरंत निर्णय लेने के लिए जाना जाता है, जैसे कि उन्होंने फडणवीस जी के साथ सुबह-सुबह शपथ ले डाली थी. इसीलिए उनसे उम्मीद है कि मराठा समाज के बच्चे जो आंदोलन कर रहे हैं उनकी मांगों पर भी फैसला तुरंत करें.”

चंद्रकांत पाटिल के सवाल पर अजित पवार ने भी जवाब दिया और कहा कि आंदोलन कर रहे बच्चों की मांग पर सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि जल्द बैठककर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा.

इसके बाद अजित पवार पाटिल के सुबह-सुबह शपथ लेने वाले कटाक्ष का जवाब देने ही जा रहे थे कि सामने बैठे फडणवीस ने उन्हें रोकते हुए कहा कि, “कौन क्या बोल रहा है उस पर आप ध्यान मत दीजिए ये आपकी और मेरे बीच की बात है.” जिसके बाद अजित पवार के ज़ुबान पर आई बात उन्हें रोकनी पड़ी. वहीं जो लोग इस राज के खुलने का इंतजार कर रहे थे उन्हें भी जवाब नहीं मिला.

बता दें कि अजित पवार महाराष्ट्र में मौजूदा शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस वाली सरकार में भी डिप्टी सीएम के पद पर हैं. उन्होंने भले ही बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनानी चाही हो, लेकिन वापस लौटकर भी उन्हें वही पद दिया गया, जिसके लिए वो फडणवीस के साथ गए थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×