इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रोकने के सिंगल बेंच के 3 जून के आदेश पर रोक लगा दी है.
जस्टिस आलोक माथुर की सिंगल बेंच ने पाया था कि 8 मई को जो रिजल्ट घोषित किया गया था उसमें कुछ सवालों और उनके जवाब में भ्रम की स्थिति थी. ऐसे में कोर्ट ने मामला यूजीसी को भेजने का आदेश दिया था.
इस मामले पर जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के नौ जून के आदेश को ध्यान में रखते हुये भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के लिए स्वतंत्र है जिसके माध्यम से करीब 37 हजार पद शिक्षा मित्रों के लिए रखे गए हैं.
9 जून को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सहायक बेसिक शिक्षकों के सभी 69,000 पदों को न भरने और 37,339 ऐसे पदों को खाली रखने को कहा था जिस पर अभी शिक्षा मित्र काम कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने 21 मई को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सहायक शिक्षक पद पर काम कर रहे सभी शिक्षा मित्रों की सेवा में बाधा नहीं डाली जाएगी.
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