असम में दो सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया और बाद में राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा अलग-अलग अभियानों में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
मोरीगांव जिले में आबकारी अधीक्षक के पद पर कार्यरत बरशा बोरा बोरदोलोई ने बार लाइसेंस से संबंधित किसी आधिकारिक कार्य के लिए एक व्यक्ति से एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत देने को तैयार नहीं होने पर, व्यक्ति ने एसपी मोरीगांव से संपर्क किया और राज्य की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा में शिकायत दर्ज कराई गई।
तदनुसार, एसीबी अधिकारियों ने आरोपी अधिकारी के कार्यालय कक्ष में जाल बिछाया। अपने कार्यालय कक्ष में शिकायतकर्ता से 20,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार करने के तुरंत बाद बोरदोलोई को रंगे हाथ पकड़ा गया था।
ऐसा ही एक मामला डिब्रूगढ़ जिले में भी डिब्रूगढ़ के खोवांग क्षेत्र में प्रखंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत निम्न प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक नबोज्योति सरमा ने एक व्यक्ति से रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद एसीबी में शिकायत दर्ज कराई गई और अधिकारियों ने गुरुवार को सरमा को उसके कार्यालय से रंगेहाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7(ए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
--आईएएनएस
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