सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक तरफ राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है, वहीं अयोध्या की गायों के दिन भी बहुरने वाले हैं. नगर निगम इन्हें ठंड से बचाने के लिए कोट पहनाने की तैयारी कर रहा है. अयोध्या में राममंदिर और गोरक्षा सरकार के एजेंडे में है. इसे ध्यान में रखते हुए नगर-निगम यह कदम उठाने जा रहा है. निगम ने साधु-संतों और दूसरे लोगों से बातचीत के बाद गायों को ठंड से बचाने की दिशा में ये फैसला किया गया है.
ठंड से बचाने के लिए उम्दा इंतजाम किए जा रहे हैं: नगर आयुक्त
अयोध्या के नगर आयुक्त डा नीरज शुक्ला ने IANS से बातचीत में कहा, "रामनगरी अयोध्या में गायों को ठंड से बचाने के लिए उम्दा इंतजाम किए जा रहे हैं. यहां की बैसिंह स्थित गौशाला में गाय को ठंड से बचाने के लिए 'काऊ कोट' के इंतजाम किए जा रहे हैं. यह व्यवस्था दो-तीन चरणों में लागू होगी, क्योंकि यहां पर गायों की संख्या 1,200 है. इसलिए पहले यहां पर उनके 100 बच्चों के लिए कोट तैयार कराए जा रहे हैं."
तीन लेयर वाला कोट बनाया जा रहा है
उन्होंने बताया, "गायों के बच्चों के लिए तीन लेयर वाला कोट बनाया जा रहा. पहले मुलायम कपड़ा उसके बाद फोम फिर जूट लगाकर इसे बनाया जाएगा. पहले कपड़ा इसलिए कि यह बच्चों को गड़े नहीं. फिर फोम इस वजह से कि गीली जगह बैठने पर वह आसानी से सोख ले और जूट गर्माहट प्रदान करने के काम आएगा. इसका सैम्पल तैयार हो गया है. नवम्बर खत्म होते ही यहां पर डिलीवरी हो जाएगी. इसकी कीमत 250 रुपये और 300 रुपये के बीच में आएगी."
नर-मादा पशुओं के लिए अलग-अलग होगी डिजाइन
नगर आयुक्त डॉ शुक्ला ने बताया, "पहले 100 बच्चों को पहनाया जाएगा. इसके तुरंत बाद सभी को कोट पहनाया जाएगा. नर और मादा पशुओं के लिए भी अलग-अलग डिजाइन होगी. नर पशुओं के लिए कोट केवल जूट का होगा, क्योंकि उन्हें पहनाने में दिक्कत होती है. मादा के लिए दो लेयर का कोट बनेगा. इसे डॉगी स्टाइल से बांधने की व्यवस्था होगी, ताकि सभी गायें और उनके बच्चे यह कोट पहनकर शीतलहरी से बच सकें."
शुक्ला ने बताया, "इसके अलावा गौशाला में सभी जगह गायों को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाया जाएगा. इसके अलावा सभी कमरों में जूट के पर्दे की भी व्यवस्था की जाएगी. जानवरों के जमीन पर नीचे बैठने के लिए पुआल डाली जा रही है. इसको एक-दो दिन में बदला भी जा रहा है. इसे मॉडल गौशाला के रूप में विकसित करने की योजना है."
अयोध्या के महापौर ऋषिकेष उपाध्याय ने बताया, "गौ माता की सेवा पर हमारा पूरा फोकस है. उन्हें काऊ कोट के अलावा शीत लहरी से बचाने के लिए जो भी इंतजाम होंगे, वह अयोध्या नगर-निगम करेगी. इसे हम लोग एक बेहतरीन गौशाला के रूप में धीरे-धीरे विकसित कर रहे हैं."
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