किसी पर जुल्म हो तो वो कहां जाएगा? पुलिस के पास? वहां भी इंसाफ न मिले तो कहां जाएगा? अदालत? यूपी के बलिया में एक दलित युवती एक मुसलमान से शादी कर रही थी. अदालत में. धर्म के कुछ ठेकेदार आए और अदालत से ले गए. थाने ले गए. इस तमाम दौरान कानून क्या करता रहा? चुपचाप देखता रहा.
कानून के सामने टूटता रहा कानून
उत्तरप्रदेश के बलिया की अदालत में दो बालिग युवक युवती अपनी मर्जी से शादी करने पहुंचे थे. तभी करणी सेना के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और दोनों को जबरन वहां से कोतवाली ले गए. एक वीडियो सामने आया है, जिसमें युवती करणी सेना के लोगों से ये कहते हुए दिख रही है कि वो अपनी मर्जी से शादी करने आई है. लेकिन लोग उसे परेशान करते रहे. किसी ने पूछा बुरका क्यों पहनी हो कोई पूछने लगा जाति क्या है?
सवाल ये है कि इन लोगों को किस कानून के तहत ये सवाल करने का हक मिला? कोई अदालत से कपल को खींच ले जा रहा है तो कहां है कानून और कहां हैं कानून लागू कराने वाले? अब अगर दो बालिग लोगों को इस तरह अदालत में भी शादी करने से रोका जाता है, तो वे क्या करेंगे? जाहिर है पुलिस से मदद मांगेंगे. इस मामले में पुलिस ने क्या किया ? एक दूसरे वीडियो में दिख रहा है कि करनी सेना वाले लड़की को पुलिस के सामने ले गए. पुलिस के सामने मोरल पुलिसिंग चलती रही और कानून के कुछ रखवाले चुपचाप देखते रहे... कुछ दांप निपोरते रहे.
बलिया के उभांव थाने में युवक के विरुद्ध लड़की के पिता की शिकायत पर अपहरण का केस दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर मिश्र ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. लेकिन बड़ा सवाल है ये पुलिस के सामने बड़ी पुलिस बन गई करनी सेना के खिलाफ भी कोई कार्रवाई होगी?
क्विंट से बातचीत करते हुए बलिया के पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने कहा कि लड़की के अपहरण का मुकदमा दर्ज था. लड़की के मजिस्ट्रेट के सामने बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. टाडा के मुताबिक लड़की के साथ करनी सेना के लोगों ने बदसलूकी की, इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है. उम्मीद है एसपी साहब ये वीडियो देख लेंगे और फिर जरूरी कार्रवाई करेंगे. क्योंकि फिल्मों के बाहर तो कानून को अंधा नहीं होना चाहिए.
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