उत्तर प्रदेश रोडवेज के (Uttar Pradesh Roadways) निलंबित कंडक्टर मोहित यादव की 26 अगस्त की रात सुसाइड से मौत हो गई. मैनपुरी के रहने वाले 32 वर्षीय मोहित की लाश घर से कुछ दूर रेलवे ट्रैक पर मिली. उत्तर प्रदेश रोडवेज के संविदा कर्मचारी मोहित को एक वीडियो वायरल होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था.
मोहित यादव ने इसी साल 3 जून को बरेली से दिल्ली जा रही रोडवेज की जनरथ बस को दो यात्रियों के लिए नमाज पढ़ने के लिए रोका था. एक यात्री ने इस पूरे मामले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. मामले का संज्ञान लेते हुए परिवहन विभाग ने ड्राइवर केपी सिंह और कंडक्टर मोहित यादव को सस्पेंड कर दिया था.
घटना के बारे में बताते हुए मोहित ने कहा था कि दो मुस्लिम सवारियों ने रास्ते में कहीं नमाज पढ़ने के लिए दो मिनट का वक्त देने के लिए कहा था. उन्होंने बताया था कि तीन सवारियों ने बस को पेशाब करने के लिए रुकवाया था. उसी समय मैंने उन दो सवारियों को बोला कि जितनी देर में बाकी लोग पेशाब कर रहे हैं उतने देर में आप नमाज पढ़ लीजिए. दो यात्री चद्दर बिछाकर नमाज पढ़ने लगे. जिसने देर में सवारी पेशाब करके आई उसी समय यह लोग भी नमाज पढ़कर वापस आ गए. इस समय किसी सवारी ने वीडियो बना ली.
अधिकारियों की प्रताड़ना का हुआ था शिकार?
मृतक मोहित के करीबी दोस्त ने नाम ना बताने के शर्त पर कहा कि सस्पेंशन के बाद उसकी स्थिति खराब हो गई थी और यह भी आरोप लगाया कि बहाली के नाम पर बरेली रोडवेज के अधिकारियों द्वारा उसे प्रताड़ित भी किया जा रहा था.
"मोहित की स्थिति खराब हो गई थी. वह परेशान रहने लगा. एक दिन उसने कहा कि मेरा जीने का मन नहीं करता. मैंने उसे समझाया की नौकरी गई है सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. उसको मैंने दूसरी जगह नौकरी लगवाने का आश्वासन भी दिया. लेकिन अधिकारियों द्वारा इसको मानसिक रूप से प्रताड़ित कर दिया गया. वह आर्थिक रूप से भी काफी मुसीबत में था. सुसाइड करने के चंद घंटे पहले उसने मुझे एक नंबर दिया जिस पर उसने बोला कि 239 रुपए का रिचार्ज कर दो. वह नंबर शायद उसकी बीवी का था."
मोहित के दोस्त ने आगे बताया कि अपने सस्पेंशन के खिलाफ मोहित ने परिवहन विभाग के आर्बिट्रेशन में अर्जी भी दी थी. उसे कई बार बुलाया तो गया लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए बरेली डिपो के असिस्टेंट रीजनल मैनेजर एसके श्रीवास्तव ने कहा, "मोहित की आर्बिट्रेशन की एप्लीकेशन जुलाई में हमारे यहां आई थी. इसकी आख्या बनवाकर तुरंत रीजनल मैनेजर के ऑफिस में भेज दी गई थी. उसमें डेट पड़ती है आर्बिट्रेशन की और फिर निर्णय होता है."
क्विंट हिंदी ने जब रीजनल मैनेजर दीपक चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि कंडक्टर मोहित यादव के आत्महत्या की जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा, "हम लोगों के पास ढाई हजार कर्मचारी हैं. इतनी जानकारी डिपो स्तर पर रहती है."
'घर का अकेला कमाने वाला शख्स था मोहित'
मोहित अपने परिवार में सबसे बड़ा और अकेला कमाई करने वाला था. उसके दो छोटे भाई और एक बहन है. मोहित की शादी 2013 में रिंकी से हुई थी. उनका एक 4 साल का बेटा भी है. क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान परिजनों ने बताया कि नौकरी जाने के बाद वह मानसिक तनाव में था.
मृतक मोहित यादव के छोटे भाई रोहित यादव ने बताया,
"मेरा भाई घर में अकेला कमाने वाला था. वह हम अभी भाई बहनों में सबसे बड़ा थे. उनकी नौकरी 2011 में लगी थी. वीडियो वायरल होने के बाद में उनकी नौकरी छूट गई जिससे वह परेशान रहने लगे थे. नौकरी जाने के बाद में उनको कोई दूसरा काम नहीं मिला जिससे वह बेरोजगार हो गए थे. वह पूरा परिवार का भरण-पोषण करते थे. अभी हमारी एक बहन की शादी बची है जिससे वह तनाव में आ गए थे."रोहित यादव, मोहित यादव के छोटे भाई
उन्होंने आगे कहा कि, "वह रविवार को बरेली जाने के लिए कह रहे थे. जिसके बाद में वह नहीं दिखाई दिए. अगले दिन सुबह ढूंढने पर पता चला उनकी लाश रेलवे ट्रैक पर पड़ी हुई मिली."
मृतक की पत्नी रिंकी ने आरोप लगाया कि मोहित को रीजनल मैनेजर दीपक चौधरी बार-बार बरेली बुलाते थे लेकिन मिलते नहीं थे.
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