ADVERTISEMENT

बस्तर में आदिवासियों ने ईसाई-हिंदुओं का किया बहिष्कार, पानी लेने से भी रोका

Bastar Conversion protest: रानसरगीपाल गांव में ग्रामीणों ने ग्रामसभा में 12 बिंदुओं का प्रस्ताव पास किया है

Published
राज्य
2 min read
बस्तर में आदिवासियों ने ईसाई-हिंदुओं का किया बहिष्कार, पानी लेने से भी रोका
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर में आदिवासी बनाम गैर आदिवासी का झगड़ा बढ़ता जा रहा है. इस प्रस्ताव के मुताबिक अब बस्तर के रानसरगीपाल में हिंदू, ईसाई और अन्य धर्म के लोगों के यहां आदिवासी काम नहीं करेंगे. ईसाइयों को गांव में दफनाने की जगह नहीं दी जाएगी और साथ ही सरकारी नलों को छोड़कर गैर आदिवासियों को किसी जल स्त्रोत से पानी नहीं दिया जाएगा. ग्रामसभा ने प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजा गया है.

ADVERTISEMENT

12 बिंदुओं पर ग्रामसभा से प्रस्ताव पास

बस्तर के तोकापाल ब्लॉक के रानसरगीपाल गांव में कुछ ग्रामीणों द्वारा धर्म परिवर्तन कर लिया गया था, जिसका विरोध करते हुए ग्रामीण लामबंद हो गए और उन्होंने धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को गांव में आने पर रोक लगा दी है. इस सिलसिले में ग्रामीणों ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से सहयोग मांगा है. विभाग की तरफ से कहा गया कि बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा.

ग्रामीणों ने संविधान की पांचवी अनुसूची और पेशा कानून में निहित अधिकारों का हवाला देते हुए 12 फरवरी को ग्राम सभा में 12 बिदुओं एक प्रस्ताव पास किया. ये हैं इस प्रस्ताव के मुख्य बिंदू-

  • ईसाई धर्म के लोगों की मौत पर गांव की सीमा में दफनाने पर रोक

  • गैर आदिवासी धर्म के लोगों को सरकारी हैंडपंप, नल को छोड़कर अन्य जल स्त्रोत से पानी नहीं लेने दिया जाएगा

  • ईसाई, हिंदुओं या अन्य धर्म के लोगों के घरों में आदिवासी काम नहीं करेंगे

  • दूसरे धर्म के लोगों को गांव में किसी व्यवसाय के लिए घुसने से पहले अनुमति लेनी होगी

  • दूसरे धर्म के लोग गांव में अपने धार्मिक त्यौहार नहीं मना पाएंगे

  • गांव में ईसाई और हिंदुओं को किसी धार्मिक कार्यक्रम के लिए पहले से मंजूरी लेनी होगी

  • गांव में ईसाई, हिंदुओं या अन्य धर्म के लोगों ने धर्म प्रचार किया तो दंड दिया जाएगा

"लालच देकर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन"

ग्राम रानसरगीपाल के सरपंच पीताम्बर कवासी ने बताया कि हमारे गांव में ईसाई और अन्य धर्म के लोग लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. इससे हमारी परंपरा लुप्त होती जा रही है. इस मामले में हमने एडिशनल एसपी से मुलाकात की है और आवेदन दिया है कि ग्रामसभा ने जो प्रस्ताव दिया है वो पूर्ण रूप से लागू हो. हमने प्रशासन से इसमें हस्तक्षेप नहीं करने की मांग की है.

SDPO केशलूर ऐश्वर्या चंद्राकर ने कहा, "सरपंच पीतांबर कवासी के नेतृत्व में कुछ ग्रामीण DM और SP को ज्ञापन देने आए थे. उन्होंने ग्राम सभा में कुछ प्रस्ताव पारित किए हैं जो संविधानिक बिंदु होगा, उसे देखा जाएगा."

ADVERTISEMENT

कब-कब हुईं घटनाएं?

बस्तर संभाग के नारायणपुर और कोंडागांव में कई जगहों से पहले भी ऐसे मामले में सामने आते रहे हैं. जनवरी में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के आकाबेड़ा, धुरबेड़ा, कुतुल, पदमकोट, कच्चापाल, कस्तूरमेटा, कलमानार, नेडनार सहित कई क्षेत्रों के ग्रामीणों ने धर्मांतरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने यहां के रहने वाले लोगों को धर्म परिवर्तन करने के बाद गांव से बहिष्कृत करने का निर्णय लिया गया था.

वहीं, कुछ महीने पहले नारायणपुर के ही एक गांव में चर्च में तोड़फोड़ के बाद दो समुदायों में हिंसात्मक घटनाएं भी हुई थी. 20 दिसंबर 2022 को बस्तर के लौंहडीगुड़ा में एक महिला के शव को दफनाने को लेकर विवाद हो गया था.

(इनपुट-रौनक शिवहरे)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×