मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में 21 सितंबर (मंगलवार) को एक शख्स अपनी कुछ मांगों को लेकर बीएसएनल दफ्तर के बाहर बने टावर पर चढ़ गया. खुद का नाम अर्जुन जज्जाल बताने वाले इस शख्स की मांगों में मजदूरों का मेहनताना बढ़ाए जाने, कोरोना से जिनकी मौत हुई उनके परिजनों को मुआवजा, मंदिर के सामने की कलारी बंद होने जैसी कई मांगें शामिल हैं. टावर पर चढ़ने के कुछ देर बाद अर्जुन की तबीयत बिगड़ने लगी. तभी इलाके के थानेदार जहीर खान मौके पर पहुंचे. बिना देर किए टावर पर चढ़े और शख्स को समझाकर नीचे उतार लाए.
जब किसी एक को खतरा उठाना ही है, तो थाना प्रभारी ही उठाएगा
शाहजहांनाबाद थाना प्रभारी जहीर खान ने अर्जुन को टावर से उतारने के बाद पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा, जाहिर है खतरे का काम था. लेकिन किसी न किसी को तो खतरा मोल लेना ही था. इलाके में अगर किसी एक को खतरा मोल लेना है तो वो थाना प्रभारी ही लेगा.
जहां रिस्क की बात आती है वहां पुलिस पहले आती है. रिस्क हो और पुलिस न हो ऐसा नहीं हो सकता. मैं इलाके का थाना प्रभारी हूं. मैंने सोचा कि जब रिस्क लेना ही है तो मैं ही ले लेता हूं किसी और की जान जोखिम में क्यों डालूं. 90 मीचर ऊंचा टावर है. जब मैं ऊपर पहुंचा तो लड़का लगभग बेहोशी की हालत में था. पानी पिलाकर-हाथ पैर रगड़कर उसे सामान्य स्थिति में लाए फिर नीचे उतारा. जब घटना के बारे में पता चला तो मैंने यही फैसला किया कि वीडियो बनाने से बेहतर है टावर पर चढ़ना.जहीर खान, थाना प्रभारी, शाहजहांनाबाद भोपाल
टावर पर चढ़े अर्जुन की मांगें
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