बिहार में जहरीली शराब के कहर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने तमाम अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक की. इस बैठक के बाद गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि, मुख्यमंत्री ने क्या-क्या निर्देश दिए हैं. साथ ही ये भी बताया गया है कि शराब पर पूरी तरह से रोक लगाने को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे.
गृह सचिव ने दी बैठक की जानकारी
गृह सचिव ने बताया कि जिन थानों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है, उनकी पहचान की जाएगी. जिसके बाद वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बॉर्डर इलाके में जिस रूट से स्मगलिंग होती है वहां चौकसी बढ़ाई जाए. अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत मिलती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. गृह सचिव ने बताया कि,
"अगर कोई केंद्रीय टीम किसी जगह रिकवरी करती है तो स्थानीय स्तर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. कॉल सेंटर पर जो भी शिकायत आए उस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. शिकायत करने वाली की पहचान गुप्त रखी जाएगी. नशाबंदी के लिए डॉक्टरों की पोस्टिंग की जाएगी. इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं."
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें. शराब के धंधे और शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता के साथ कार्रवाई करें.
सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों के संबंध में पूरी सूचना देने को कहें.
28 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें.
सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें, जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने के फैसले पर अमल हो.
पूरी ताकत के साथ होगी कार्रवाई
गृह सचिव ने कहा कि, शहरों में जो होम डिलीवरी हो रही है उसे रोका जाएगा. छापेमारी कर उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी. सभी प्रभारी मंत्री अपने जिलों में अन्य योजनाओं के साथ शराब बंदी को लेकर भी काम करेंगे. जो भी कानून पूर्व से चल रहे हैं उन्हें और शक्ति से साथ लागू करवाया जाएगा.
इस हाई लेवल बैठक के बाद डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि, इस मामले में इंटेलिजेंस टीम को मजबूत किया जा रहा है. कहीं से शराब की सूचना मिलती है तो थाना प्रभारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा. यदि किसी के खिलाफ शिकायत आती है तो SHO को 10 साल के लिए SHO का पद नहीं मिलेगा, साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
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