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बिहार में कोरोना विस्फोट: महज 5% को वैक्सीन,पटना एम्स में नहीं बेड

बिहार में कोरोना से अब तक 1610 लोगों की जान गई है, वहीं एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 14 हजार 695 है

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बिहार में कोरोना रॉकेट की स्पीट से बढ़ रहा है. 12 करोड़ की आबादी वाले बिहार में जहां मार्च के महीने तक एक हजार से भी कम एक्टिव केस थे वहां अब ये 15 हजार के करीब पहुंच गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 1610 हो गई है, वहीं एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 14 हजार 695 हो गई है.

कोरोना के बढ़ते मामलों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राज्य की राजधानी के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए खाली बेड न के बराबर हैं.

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बिहार में अब तक 52 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई है. वहीं 12 अप्रैल को 1,49,002 लोगों की वैक्सीन लगाई गई है.

बिहार में कोरोना किस तेजी से फैला है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि 01 अप्रैल 2021 को सिर्फ 1907 एक्टिव केस थे और 1578 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 11 अप्रैल को ये करीब 800 गुना बढ़कर 14695 हो गए, और मरने वालों की संख्या 1610 पहुंच गई है.

आइए आपको कोरोना वायरस के आतंक के बीच बिहार के अस्पतालों का हाल बताते हैं.

पटना में अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड नहीं

क्विंट ने बिहार के 8 बड़े सरकारी अस्पतालों के सुप्रिटेंडेंट से बात की है. जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, बिहार में सबसे ज्यादा मामले पटना में ही आ रहे हैं. रविवार को पटना में सर्वाधिक 1382 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं.

बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH के सुप्रिटेंडेंट आईएस ठाकुर ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि उनके अस्पताल में कोरोना के लिए 100 बेड हैं, जिसमें सिर्फ 16 बेड खाली हैं.

पीएमसीएच में 100 कोरोना डेडिकेटेड बेड हैं, जिसमें से 84 पर मरीज हैं. हालांकि इन 100 में से 20 बेड हेल्थ वर्कर और डॉक्टरों के लिए आरक्षित हैं. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर हम लोग 20 और बेड जोड़ने वाले हैं. तब आम लोगों के लिए कुल 100 बेड हो जाएंगे.
PMCH के सुप्रिटेंडेंट आईएस ठाकुर

NMCH का हाल बेहाल

जब पिछले साल कोरोना ने दस्तक दी थी, तब नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (NMCH) को कोरोना हॉस्पिटल घोषित किया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद फिर आम लोगों के लिए भी इसे खोल दिया गया. अब एक बार फिर कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. एनएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट ऑफिस में मौजूद डॉक्टर सरोज बताते हैं,

एनएमसीएच में कोरोना के मरीजों के लिए 107 बेड का इंतजाम किया गया था, लेकिन फिलहाल सभी बेड पर मरीज हैं. अभी कोरोना अचानक बढ़ा है इसलिए हम लोगों को बेड भी बढ़ाना होगा. कोरोना के हालात को देखते हुए हेल्थ सेक्रेटरी और तमाम अधिकारियों की मीटिंग हुई थी, उम्मीद है कि अगले 24 घंटों में हम लोग 44 बेड और जोड़ देंगे. हमारे यहां आईसीयू में 8 बेड हैं, लेकिन बाकी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा है.

AIIMS पटना में एक भी बेड खाली नहीं

पटना में मौजूद एम्स में भी मरीजों के लिए अब बेड नहीं है. एम्स में कोरोना के नोडल अफसर डॉक्टर संजीव बताते हैं कि एम्स में 115 बेड हैं और उसमें से एक भी खाली नहीं है.

हमारे पास 30 आईसीयू बेड हैं, सभी फुल हैं. दो से तीन दिन में 30 बेड और जोड़ने की तैयारी चल रही है. लेकिन सवाल ये है कि बेड का मतलब सिर्फ बेड लगा देना नहीं होता है उसके साथ सुविधा देनी होती है. ऑक्सीजन है कि नहीं, नर्स, वेंटिलेटर, वेंटिलेटर चलाने वाले कितने हैं ये सारी चीजें देखनी होती हैं. एम्स पर बाकी अस्पतालों के मुकाबले काफी लोड है. बड़ा अस्पताल होता है तो बड़ी जिम्मेदारी होती है. लोग परेशान हैं, हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि सबको बेहतर इलाज मिल सके.
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पटना के बाद भागलपुर में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज

पटना के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मामले भागलपुर में हैं. भागलपुर में 302 कोरोना के केस 11 अप्रैल को मिले हैं. भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के हेल्थ मैनेजर सुनील गुप्ता बताते हैं,

हमारे पास 100 बेड आइसोलेशन वार्ड में है और 36 आईसीयू में बेड हैं. फिलहाल दोनों जगह मिलाकर 35 बेड खाली हैं, वहीं आईसीयू के सारे बेड भरे हुए हैं. हमारे पास 39 वेंटिलेटर हैं जो कि काफी हैं. 
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दूसरे शहरों में अस्पतालों की हालत थोड़ी बेहतर

पटना के अलावा दरभंगा, बेतिया, गया, मुजफ्फरपुर के अस्पतालों का हाल भी आपको बताते हैं. बिहार के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोरोना के लिए खास 90 बेड का इंतजाम रखा गया है जिसमें से 36 मरीज अभी एडमिट हैं.

डीएमसीएच के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर बालेश्वर सागर बताते हैं कि 10 और बेड का इंतजाम किया जा रहा है. फिलहाल डीएमसीएच के पास 7 बेड आईसीयू में हैं. जिसमें वेंटिलेटर लगे हुए हैं.

गया में 290, मुजफ्फरपुर में 191, जहानाबाद में 165, बेगूसराय में 113, सीवान में 108 और मुंगेर में 102 नए कोरोना के केस मिले हैं.

अगर मरीजों की संख्या के हिसाब से अस्पताल देखा जाए तो फिलहाल बेतिया के अस्पताल में बेड मौजूद हैं. बेतिया के सरकारी अस्पताल में इस वक्त कोरोना के लिए 120 बेड हैं, जिसमें से 110 खाली हैं. जबकि बेतिया पश्चिमी और पूर्वी चंपारण दोनों जिलों के मरीजों को संभालता है.

इसके अलावा मुजफ्फरपुर के SKMCH के सुप्रिटेंडेंट बीएस झा बताते हैं कि उनके अस्पताल में भी तैयारी पूरी है. फिलहाल SKMCH में 100 बेड हैं जिसमें से 21 मरीज भर्ती हैं. बाकी 125 वेंटिलेटर का भी इंतजाम है.

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गया में सबसे ज्यादा 200 बेड

गया में भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गया में कोरोना के नोडल अधिकारी एनके पासवान बताते हैं कि गया में कोरोना के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा 200 बेड हैं. जिसमें फिलहाल 36 मरीज अभी एडमिट हैं.

हम 300 बेड का भी इंतजाम कर सकते हैं. हमारे पास 30 आईसीयू बेड हैं, सभी पर वेंटिलेटर हैं. 

बिहार सरकार ने निजी अस्‍पतालों के लिए रेट लिस्ट भी जारी की है, ताकि वो मरीजों से ज्यादा पैसे न लें. बिहटा स्थित ईएसआइसी अस्‍पताल में अभी बेड खाली हैं. बिहटा ईएसआइसी अस्‍पताल में करीब 100 बेड का इंतजाम किया गया है. साथ ही होटल पाटलिपुत्र अशोक में भी आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है जहां फिलहाल बेड खाली हैं.

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