बिहार (Bihar) सरकार ने विधानसभा में मंगलवार (7 नवंबर) को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को पेश कर दिया. राज्य सरकार ने जातीय गणना के साथ-साथ लोगों की आर्थिक स्थिति का भी सर्वे कराया था. सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि किस जाति के लोगों के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी कितनी है?
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2.04 फीसदी कुशवाहा के पास सरकारी नौकरी
सरकार की तरफ से सभी जातियों के अलग-अलग आंकड़े जारी किए गए हैं. सरकार ने पिछड़ा वर्ग में सरकारी नौकरी की स्थिति की जानकारी दी है. सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार मे यादवों की कुल आबादी में 2 लाख 89 हजार 538 में से 1.55 फीसदी लोग सरकारी नौकरियों में हैं. वहीं, कुशवाहा जाति के 1 लाख 12 हजार 106 में से 2.04 फीसदी, कुर्मी जाति के 1 लाख 17 हजार 171 में से 3.11 फीसदी लोग सरकारी नौकरियों में हैं.
पिछड़ी जातीय के 1.75 फीसदी के पास सरकारी नौकरी
पिछड़ा वर्ग में शामिल बनिया जाति के 59 हजार 286 में से 1.96 फीसदी, सुरजापुरी मुस्लिम के 15 हजार 359 में से 0.63 फीसदी, भांट जाति के 5 हजार 114 में से 4.21 फीसदी, मलिक मुस्लिम के 1 हजार 552 में से 1.39 फीसदी लोग सरकारी नौकरी करते हैं. पिछड़ी जाति के लोगों की सरकारी नौकरियों में कुल हिस्सेदारी 6 लाख 21 हजार 481 में से 1.75 फीसदी है.
जातियों के आधार पर कराए गए आर्थिक रिपोर्ट
सामान्य वर्ग में 25.09 फीसदी गरीब परिवार
पिछड़ा वर्ग में 33.16 फीसदी परिवार गरीब
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी गरीब परिवार
अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार
अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार
अन्य प्रतिवेदित जातियों में 23.72 फीसदी गरीब
सामान्य वर्ग में सबसे अधिक गरीब भूमिहार
भूमिहार 27.58 फीसदी परिवार गरीब
ब्राह्मण 25.3 फीसदी परिवार गरीब
राजपूत 24.89 फीसदी गरीब परिवार
कायस्थ 13.83 फीसदी गरीब परिवार
शेख 25.84 फीसदी गरीब परिवार
पठान (खान) 22.20 परिवार गरीब
सैयद 17.61 फीसदी गरीब परिवार
बिहार में आबादी की शैक्षणिक स्थिति
बिहार की 22.67 आबादी कक्षा पांच तक पढ़ी है
14.33 फीसदी आबादी कक्षा 8 तक पढ़ी है
14.71 फीसदी आबादी हाईस्कूल पास है
9.19 फीसदी आबादी इंटरमीडिएट पास है
ग्रेजुएट की शिक्षा 7 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास है
आर्थिक रूप से गरीब परिवार पिछड़ा वर्ग
यादव 35.87 फीसदी
कुशवाहा 34.32 फीसदी
कुर्मी 29.90 फीसदी
बनिया 24.62 फीसदी
सूर्यापुरी मुस्लिम 29.33 फीसदी
सोनार 26.58 फीसदी
बिहार में किस वर्ग के पास कितनी आय?
सामान्य वर्ग की करीब 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए तक है.
23 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार
19 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार
16 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार
9 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है
पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक
पिछड़ा वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
पिछड़ा वर्ग में 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार है
पिछड़ा वर्ग में 10 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है
पिछड़ा वर्ग में 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है
अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 32 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार है
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार है
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 15 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है
अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 2 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है
अनुसूचित जाति वर्ग में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार है
अनुसूचित जाति वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार है
अनुसूचित जाति वर्ग में 15 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार है
अनुसूचित जाति वर्ग में 5 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है
अनुसूचित जाति वर्ग में 1 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है
अनुसूचित जनजाति वर्ग में 42 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार तक है.
अनुसूचित जनजाति वर्ग में 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार है.
अनुसूचित जनजाति वर्ग में 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार है.
अनुसूचित जनजाति वर्ग में 8 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है
अनुसूचित जनजाति वर्ग में 2.53 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार है.
अत्यंत पिछड़ा वर्ग जातियों की आर्थिक स्थिति
तेली 29.87 फ़ीसदी परिवार गरीब
मल्लाह 34.56 फीसदी परिवार गरीब
कानू 32.99 फीसदी परिवार गरीब
धानुक 34.75 फीसदी गरीब परिवार
नोनिया 35.88 फीसदी गरीब परिवार
चंद्रवंशी 34.08 फीसदी परिवार गरीब
नाई 38.37 प्रतिशत गरीब परिवार
बढ़ई 27.71 प्रतिशत गरीब परिवार
प्रजापति 33.39 प्रतिशत गरीब परिवार
पाल 33.20 प्रतिशत गरीब परिवार
गोस्वामी 30.68 फ़ीसदी गरीब परिवार
घटवार 44.17 फीसदी परिवार गरीब
ईसाई (अन्य पिछड़ी जाति) 15.79 फीसदी गरीब
ईसाई धर्मावलंबी हरिजन 29.12 फीसदी परिवार गरीब
किन्नर 25.73 फीसदी गरीब
भट्ट 23.68 फीसदी गरीब
मालिक मुस्लिम 17.26 फीसदी गरीब
अनुसूचित जातियों की आर्थिक रूप से गरीब परिवार की स्थिति
दुसाध 39.36 फीसदी
चमार 42.06 फीसदी
मुसहर 54.56 फीसदी
पासी 38.24 फीसदी
धोबी 35.82 फीसदी
डोम 53.10 फीसदी
नट 49.06 फीसदी
अनुसूचित जाति के कुल 42.93% परिवार गरीब हैं.
अनुसूचित जनजाति परिवारों की आर्थिक स्थिति
संथाल 52.09% परिवार गरीब
गोंड 32.45 फीसदी परिवार गरीब
उराव 45.36 फीसदी परिवार गरीब
थारू 41.35 फीसदी परिवार गरीब
कुल 42.70 फीसदी परिवार गरीब
अत्यंत पिछड़ी जातियों में सरकारी नौकरी की स्थिति
राज्य में तेली की आबादी 53 हजार 56 हैं, जिसमें 1.44 फीसदी, मल्लाह 14 हजार 100 में से 0.41 फीसदी, कानू 34 हजार 404 में से 1.19 प्रतिशत, धानुक 33 हजार 337 में से 1.17 फीसदी, नोनिया 14 हजार 226 में से 0.57 फीसदी, चंद्रवंशी 31 हजार 200 में से 1.45 फीसदी, नाई 28 हजार 756 में से 1.38 फीसदी, बढ़ई 20 हजार 279 में से 1.07 फीसदी और हलवाई 9 हजार 574 में से 1.20 फीसदी के पास सरकारी नौकरी है.
सामान्य वर्ग को कितनी सरकारी नौकरी?
राज्य में सामान्य वर्ग की आबादी 6 लाख 41 हजार 281 हैं, जिसमें से कुल 3.19 फीसदी लोग सरकारी नौकरी में हैं. भूमिहार 1 लाख 87 हजार 256 हैं, जिसमें 4.99 फीसदी, ब्राह्मण 1 लाख 72 हजार 259 में से 3.60 फीसदी, राजपूत 1 लाख 71 हजार 933 में से 3.81 फीसदी, कायस्थ 52 हजार 490 में से 6.68 फीसदी, शेख 39 हजार 595 में से 0.79 फीसदी, पठान 10 हजार 517 में से 1.07 फीसदी और सैयद 7 हजार 231 में से 2.42 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं.
अनुसूचित जनजाति में सरकारी नौकरी की स्थिति
संथाल 5 हजार 519 हैं जिसमें से 0.96 फीसदी, गोंड 8 हजार 401 हैं में से 1.59 फीसदी, उरांव 2 हजार 120 में 1.06 फीसदी और थारू 3 हजार 128 में से 1.63 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं. कुल मिलाकर अनुसूचित जनजाति की आबादी 30 हजार 164 है जिसमें से 1.37 फीसदी के पास सरकारी नौकरी हैं.
अनुसूचित जाति में सरकारी नौकरी की स्थिति?
दुसाध 99 हजार 230 हैं और 1.44 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं. चमार 82 हजार 290 हैं और 1.20 फीसदी, मुसहर 10 हजार 615 और 0.26 फीसदी,पासी 25 हजार 754 हैं और 2 फीसदी, धोबी 34 हजार 372 हैं और 3.14 फीसदी, डोम 3 हजार 274 और 1.24 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं. कुल 2 लाख 91 हजार 4 लोग में से 1.13 फीसदी सरकारी नौकरी में हैं.
(इनपुट-महीप राज)
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