ADVERTISEMENTREMOVE AD

Bihar: गंडक नदी में छोड़ा गया 3 लाख क्यूसेक पानी, गोपालगंज में बाढ़ का खतरा

जलस्तर बढ़ने की वजह से आने-जाने का रास्ता बंद हो चुका है. अब केवल नाव ही उनका सहारा है. पशुपालकों को बेहद परेशानी हो रही है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बिहार (Bihar) के गोपालगंज जिले से निकली गंडक नदी के जलस्तर में पिछले दो दिनों से वृद्धि दर्ज की जा रही है. दरअसल नेपाल में लगातार हो रही बारिश के बाद से नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिसके बाद इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित बाल्मीकि नगर बैराज इलाके से तकरीबन तीन लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया. बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गंडक के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है और बाल्मीकि नगर के निचले इलाके में बाढ़ (Bihar Flood) का खतरा मंडराने लगा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्थानिय लोगों को करना पड़ सकता है पलायन

बाढ़ का संकट गहराता देख जिला प्रशासन ने अभियंताओं को निगरानी का आदेश दिया है. सुरक्षा के तौर पर जगह-जगह पर गंडक बराज के कर्मी तैनात हैं. अगर पानी डिस्चार्ज करने में और बढोत्तरी हुई, तो कई गांवों में बाढ़ आने की संभावना है और स्थानिय लोगों को सुरक्षित जगहों पर पलायन करना पड़ सकता है.

फिलहाल, गंडक नदी तटबंध के किनारे बसे लोग धीरे-धीरे ऊंचे स्थान पर जाकर रहने के लिए निकल रहे हैं. जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित सदर प्रखंड के किनारे बसे जगरी टोला में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है.

छितौनी बांध के भैसहा गेज पर नदी चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 55 सेमी ऊपर बह रही है. जबकि खतरे के निशान से नदी महज 45 सेमी नीचे है.

मामले पर गोपालगंज जिला (Gopalganj) के डीएम नवल कुमार चौधरी का कहना है कि...

" कल शाम तक तीन लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. पानी की मात्रा लगातार घट रही है, जो कि एक अच्छी बात है. लेकिन जो तीन लाख पानी हमारे इलाके से डिस्चार्ज होगा. उसके लिए हमने विभिन्न गावों में अपने सीओ के माध्यम से प्रचार प्रसार करवाया है कि अगर पानी बढ़ने की आशंका लगे, तो तत्काल एक दो दिनों के लिए वो गांव से बाहर जा सकते हैं."

बाढ़ से महिलाओं और बच्चों की स्थिति दयनीय

वहीं, बाढ़ संकट से जूझ रहे स्थानिय लोगों का इस पर कहना है कि जलस्तर बढ़ने की वजह से आने-जाने का रास्ता बंद हो चुका है. अब केवल नाव ही उनका सहारा है. सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है.

लेकिन, पशुपालकों को ज्यादा परेशानी हो रही है, क्योंकि उन्हें चारा लाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ प्रभावित इलाके में महिलाओं और बच्चों की स्थिति दयनीय हो गई है. नवजात शिशु के बीमार पड़ने पर उन्हें उचित समय पर अस्पताल से जाने में समस्या हो रही है. स्कूल में पानी भरने से उसे बंद कर दिया गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×