बिहार (Bihar) में नीतीश सरकार में मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने अपने विभाग के पदाधिकारियों को चोर कहा और खुद को चोरों का सरदार. जिले के चांद प्रखंड में कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अभिनंदन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, "लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है और जिन अधिकारियों को भ्रम है कि हम लोग कानून तोड़कर बच जाएंगे मुझे विश्वास है कि वह बच नहीं पाएंगे. बचने के लिए जितनी ताकत लगानी है लगा ले फिर भी वह बचेंगे नहीं."
इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि, "जब मैं सरकार में नहीं था तभी आप लोगों एवं किसानों की समस्याओं को लेकर सड़क से लेकर सदन तक बोला करता था आज मैं सरकार में हूं तब भी चुप नहीं बैठूंगा. किसान एवं आम लोगों की समस्याओं को लेकर बोलता ही रहूंगा चाहे इसके लिए मुझे अपनी कुर्सी क्यों न गवानी पड़े."
मंत्री सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि हालात यह हैं कि जमीन के बजाय आंकड़े की खेती कागज पर करते हैं. आंकड़ों में बताया गया है कि 87 फीसदी रोपनी हो गई और बारिश महज 40 प्रतिशत कम हुई है. जो की पूरी तरह से फर्जी है, अधिकारी इस हद तक भ्रष्ट है कि सरकार के सामने रोज गलत आंकड़े पेश करते हैं.
खाद की बिक्री से लेकर धान खरीद, माप तोल का लाइसेंस देने सहित दाखिल खारिज तक में घूस लिया जा रहा है. हम लगातार प्रयासरत हैं कि कम से कम अपने विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएं और इसका असर भी आपको आने वाले दिनों में दिखेगा.
फिलहाल मैं दो कानूनों को बदलवाने पर लगा हुआ हूं- पहला धान खरीदी के नियम में बदलाव किया जाए टैक्स के अलावा अन्य एजेंसियों से भी धान की खरीदी की जाए, वहीं मंडी की व्यवस्था पहले की तरह फिर से लागू की जाए.
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