बिहार के मुजफ्फरपुर (Bihar Muzaffarpur) के आंखों के अस्पताल में 22 नवंबर को हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद से कई लोगों की आंख की रोशनी चली गई. जिसके बाद लोगों की आंख भी निकलवानी पड़ी. मामला सामने आने के बाद अब दोषियों के खिलाफ एक्शन शुरू हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज करने की कवायद शुरू की गई है.
इस मामले को लेकर डीएसपी टाउन रामनरेश पासवान और एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली और ब्रह्मपुरा थाने को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए. जिसके बाद अब दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है.
अस्पताल ने जांच में नहीं किया सहयोग
इस पूरे मामले में अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं. पटना से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने माना कि अस्पताल ने जांच में सहयोग नहीं किया, इसीलिए ये एफआईआर करने नौबत आई है. उन्होंने कहा कि, हम लोगों ने अभी सिविल सर्जन से बातचीत की है और आई हॉस्पिटल और एसकेएमसीएच की भी स्थिति को जानेंगे उसके बाद ही कुछ कह पाएंगे. फिलहाल अस्पताल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)