ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार: ‘डबल इंजन’ की सरकार से रह रहकर उठ रहा धुंआ, अंदर आग लगी है?

बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार, लेकिन JDU खुश.

Published
राज्य
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बिहार की 'डबल इंजन' सरकार रह रहकर धुआं फेंकने लगती है. 'कभी नरम-नरम तो कभी गरम-गरम' वाला रिश्ता है. नीतीश कुमार की अगुवाई में चल रही बीजेपी-जेडीयू सरकार में भले ही बाहर से सब कूल-कूल दिख रहा हो, लेकिन गर्मी के मौसम का असर नजर भी आ ही जाता है.

बिहार में कोरोना ने सरकार की सारी तैयारी, व्यवस्था और दावों को झूठा साबित कर दिया है. लगातार अस्पतालों की खस्ताहाली की तस्वीर से लेकर एंबुलेंस की जगह ठेले से मरीज और शव को ले जाने की बात सामने आ रही है. इन सबको लेकर सीएम नीतीश कुमार निशाने पर हैं. हालांकि स्वास्थय मंत्रालय बीजेपी के पास है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब सवाल उठता है कि इन क्या इन बदइंताजामी के बीच एनडीए गठबंधन में सब ठीक है?

दरअसल, बीजेपी-जेडीयू ने भले ही एक साथ मिलकर 2020 विधानसभा चुनाव लड़ा हो, लेकिन दोनों पार्टियों में अंदरूनी लड़ाई कभी थमी नहीं है. चाहे वो चिराग पासवान की पार्टी का जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारना हो या कैबिनेट विस्तार के लिए महीनों तक रस्साकशी हो.

जेडीयू के एक सीनियर लीडर ने क्विंट से नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नीतीश जी पूरी कोशिश कर रहे हैं. बिहार की हालत बाकी जगहों से बेहतर है. हालांकि जब हमने उनसे स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बिना किसी नेता का नाम लिए कहा कि नीतीश जी तो कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये भी देखना चाहिए कि किसके पास कौन सा मंत्रालय है और कब से है?

दरअसल, जेडीयू के सीनियर लीडर इशारों-इशारों में ये कह रहे थे कि स्वास्थय मंत्रालय तो पिछले कई सालों से बीजेपी के पास है और मंगल पांडे बिहार के स्वास्थय मंत्री हैं, लेकिन किसी भी कमी के लिए उनसे सवाल नहीं होता है.

उन्होंने कहा कि हम लोग क्या कर सकते हैं, अब गठबंधन है तो क्या कह सकते हैं.

0

बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार, लेकिन JDU खुश

बता दें कि बीजेपी और जेडीयू के बीच सब ठीक नहीं है इसका उदाहरण बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद भी देखने को मिला. बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने बीजेपी का 'खेल' जैसे ही खराब किया वैसे ही जेडीयू नेता ने ममता को बीजेपी के 'चक्रव्यूह' को तोड़ने की बधाई दे डाली. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट में कहा,

‘भारी चक्रव्यूह को तोड़कर पश्चिम बंगाल में फिर से शानदार जीत के लिए ममता बनर्जी को बहुत-बहुत बधाई.’

ये बात तो साफ है कि इशारों में चक्रव्यूह शब्द का प्रयोग कर कुशवाहा ने बीजेपी पर तंज कसा है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान से एक सवाल ये उठता है कि बिना किसी के कहे क्या कुशवाहा अपने ऐसी बात कह सकते हैं, जबकि वो अभी हाल ही में नीतीश कुमार के साथ जुड़े हैं?

यही नहीं बिहार के पूर्व सीएम और नीतीश के करीबी जीतनराम मांझी ने भी ट्वीट कर ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुए कहा कि ममता जी आपको जीत की बधाई, यह जीत बंगाली अस्मिता की जीत है. इसके अलावा खुद सीएम नीतीश ने भी ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर भी सवाल

अभी हाल ही में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूड़ी पर कोरोना काल में एंबुलेंस छिपाए रखने आरोप लगाए थे, जिसके बाद पप्पू यादव को पहले लॉकडाउन नियम का हवाला देकर हिरासत में लिया गया फिर एक 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी की गई. इस गिरफ्तारी के कारण भी नीतीश कुमार की आलोचना हो रही है. ये माना जा रहा है कि बीजेपी के सांसद पर सवाल उठाने की वजह से ही पप्पू यादव को इस तरह से महामारी के दौर में गिरफ्तार किया है.

नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के सहयोगी भी सार्वजनिक रूप से इस गिरफ्तारी को गलत बता रहे हैं. वीआईपी पार्टी के मुकेश मल्लाह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सार्वजनिक रूप से ट्वीट कर पप्पू यादव की गिरफ्तारी को गलत बताया है. मतलब यहां भी एनडीए गठबंधन में एकता नहीं दिखी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुशील मोदी की बार-बार नसीहत- वैक्सीन बाहर से मंगा लो

कभी नीतीश के करीबी माने-जाने वाले और बिहार के डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'नसीहत' दे रहे हैं. कल तक नीतीश कुमार की तारीफ करते थकते नहीं थे वो नीतीश कुमार को वैक्सीन पर सलाह दे रहे हैं कि केंद्र सरकार की जगह कुछ खुद रास्ता निकालिए.

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अभी हाल ही में ट्विटर पर लिखा,

“18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने की शुरुआत होने से 11 करोड़ की आबादी वाले बिहार को लाखों वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए.’

उन्होंने कहा, "आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के सीधे आयात की संभावना पर विचार के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई है. आंध्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ग्लोबल टेंडर निकालने के मुद्दे पर अनुरोध किया है. बिहार सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता में कोई कठिनाई ना हो."

आप रिश्तों में तल्खी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सुशील कुमार मोदी चाहते तो अपनी गठबंधन वाली सरकार को बिना ट्वीट किए भी ये सुझाव दे सकते थे, लेकिन पॉलिटिकल प्रेशर शायद इसे ही कहते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संजय जायसवाल का लॉकडाउन पर तकरार

इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नीतीश कुमार के नाइट कर्फ्यू पर भी बीजेपी जेडीयू आमने सामने थी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने वीकेंड लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया था, लेकिन नीतीश सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया था, जिसके बाद संजय जयसवाल ने फेसबुक पर लिखा था,

“मैं कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे फैसलों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से करोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा. अगर कोरोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी.”

संजय जायसवाल की आपत्ति पर कुशवाहा ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया था कि- 'जायसवाल जी, अभी राजनीतिक बयानबाजी का वक्त नहीं है!' इसके अलावा बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद का भी दर्द छलका था. उन्होंने इसी साल मार्च में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि बिहार में चल रही एनडीए की सरकार में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है, लेकिन सरकार के कामकाज और नीतियों पर बीजेपी का असर अपेक्षा के अनुरूप नहीं दिख रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इन सबके बावजूद फिलहाल दोनों ही पार्टी सब चंगा है कह रही हैं, लेकिन असल में दोनों की अपनी-अपनी मजबूरी है. विधानसभा में जेडीयू के पास पहले से कम सिर्फ 43 सीट हैं, वहीं बीजेपी के पास 74.

कहा जाता है कि जेडीयू के पास आरजेडी के साथ जाने का रास्ता है, बशर्ते नीतीश सीएम पद छोड़ तेजस्वी को ये जिम्मा दे दें, जोकि आसान नहीं है. वहीं बीजेपी के पास नीतीश का ही सहारा है. इसलिए नीतीश को सीएम बने रहने देने में ही बीजेपी की भलाई है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें