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हाथरस: स्कूल में हिंदू बच्चों से फातेहा पढ़वाए जाने के दावों का सच

BLS School: प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग है कि जिलाधिकारी मौके पर आ कर स्कूल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें.

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राज्य
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ जिले के हाथरस में कुछ हिंदू संगठनों ने दावा किया कि बीएलएस स्कूल (BLS School) में बच्चों को फातेहा पढ़ाया जा रहा है. ये सुनकर कई अभिभावकों ने हिंदूवादी नेताओं के साथ मिलकर स्कूल स्टाफ का विरोध शुरू कर दिया. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के घरवाले स्कूल के गेट पर स्कूल के प्रिंसिपल का शराब पीते हुए फोटो लेकर हनुमान चालीसा का पाठ करते नजर आए.

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मामले की जांच शुरू

प्रदर्शन कर रहे घरवालों की मांग है कि जिलाधिकारी मौके पर आकर स्कूल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें. वही अभिभावकों ने बताया कि हमारे बच्चों के हाथों से कलावे हटा दिए, बच्चों को मेंहदी लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया. उसके बाद बुर्का पहना कर फातिया पढ़ाया जाता है. घरवालों का गुस्सा सुबह से आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. वहीं हिंदूवादी नेता दीपक शर्मा की मांग है की स्कूल प्रबंधक पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए.

आंदोलन की सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ जनपद के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और शांत करने में जुट गए.

BLS School: प्रदर्शन कर रहे परिजनों की मांग है कि जिलाधिकारी मौके पर आ कर स्कूल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें.

स्कूल के गेट पर हिंदूवादियों और अभिभावकों का हंगामा देखते हुए स्कूल प्रशासन ने इस मामले में 2 मुस्लिम अध्यापकों को निष्कासित कर दिया है. फातिमा और नवाज को लेकर जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है. वहीं आचार संहिता के चलते धारा 144 के तहत हंगामे करने की भी जांच शुरू कर दी गई हैं.

बच्चों से जबरन 'इस्लामिक प्रार्थना' कराए जाने के दावों का सच

स्कूल की वाईस प्रिंसिपल अंशिका श्रीवास्तव ने स्कूल में हुई नमाज और फातेहा के आरोपों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि, "विश्व धरोहर दिवस मनाया गया है जो 18 अप्रैल को मनाया जाता है, जिसमें लब पे आती है दुआ जैसे संगीत गाए गए जिसे फातेहा बताया जा रहा है."

मामले में जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट किया कि शुरुआती जांच में ये पुष्टि नहीं हुई है कि बच्चों से इस्लाम धर्म की प्रार्थना कराई गई. हाथरस की डीएम अर्चना वर्मा ने बताया कि विजुअल 'वर्ल्ड हेरिटेज डे' पर हुए 'सर्व धर्म संभाव' कार्यक्रम के थे. ये पूरी तरह से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम था. कार्यक्रम में कई बच्चे अलग-अलग धर्मों की वेशभूषा में आए थे.

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(एडिटर नोट : हिंदू संगठनों का आरोप था कि स्कूल में बच्चों से फातेहा पढ़वाया गया. हालांकि, जिला प्रशासन की जांच में ये स्पष्ट हो गया कि इन आरोपों में सच्चाई नहीं है. डीएम अर्चना वर्मा का बयान आने के बाद इस रिपोर्ट को अपडेट किया गया है)

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