राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) में नाबालिग बच्ची के रेप के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष लगातार सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हावी था जिसे देखते हुए अब राजस्थान सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जल्द केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी. अलवर में मंगलवार, 11 जनवरी की रात को एक 14 वर्षीय बालिका सड़क की पुलिया पर पड़ी हुई मिली थी. लहूलुहान किशोरी एक घंटे तक पुलिया पर तड़पती रही. सूचना पर पहुंची पुलिस उसे स्थानीय अस्पताल ले गई.
हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने देर रात नाबालिग को जेके लोन अस्पताल जयपुर रेफर कर दिया. जेके लोन अस्पताल में उसका करीब आठ घंटे तक ऑपरेशन किया गया. गैंगरेप के आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
विपक्ष ने उठाई थी सीबीआई जांच की मांग
सीबीआई को जांच देने का फैसला रविवार, 16 जनवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया. बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर मौजूद रहे.
माना जा रहा है कि इस प्रकरण को लेकर विपक्षी दल के बढ़ते दबाव और तूल पकड़ते जा रहे मामले को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार देर रात इस प्रकरण को सीबीआई को देने की मंशा को जता दिया था.
घटना के खिलाफ आंदोलन की धमकी
इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने भी पीड़ित बालिका के पिता से बात की थी. वहीं राज्य सरकार ने पहले इस घटना की जांच के लिए आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन भी कर दिया था.
इसी मामले में रविवार 16 जनवरी को दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य अलवर आए थे. उन्होंने अलवर एसपी से मिलने की बात कही है. मुलाकात के बाद कमेटी के सदस्य आत्मा सिंह लुबाना व अन्य सदस्यों ने बताया कि चार दिन में अपराध का खुलासा नहीं किया गया, तो पूरे देश के समाज के लोगों को कॉल करेंगे. इसके बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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