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MP: सीधी पेशाबकांड के बाद अब छतरपुर में दलित शख्स को मानव मल खिलाने का आरोप

पीड़ित का कहना है कि उसे मानव मल खिलाया गया, जबकि पुलिस ने फरियादी के शरीर पर बस मानव मल फेंकने का जिक्र किया है.

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आरोप- दलित शख्स को मानव मल खिलाया

पंचायत बैठी और उसी पर लगा दिया जुर्माना

मानवता को शर्मसार करने वाला ये मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है. अभी पिछले कुछ दिनों पहले ही एक दलित शख्स के ऊपर पेशाब करने का मामला सामने आया था, जो मीडिया की सुर्खियां बना रहा. अब उसके कुछ ही दिनों बाद ये मामला सामने आया है, जो प्रदेश में कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर संवेदनहीनता को दर्शाता है. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि ये मजाक-मजाक में घटना हुई. हालांकि, पुलिस ने SC/ST के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है. लेकिन, हुआ क्या था, खुद पीड़ित ने सुनाई आपबीती.

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पीड़ित देशराज अहिरवार का आरोप है कि आरोपी राम कृपाल पटेल ने मानव मल जबरन उसके मुंह में डालकर खाने के लिए मजबूर किया. जब देशराज अहिरवार ने अपनी आपबीती गांववालों के सामने सुनाई तो पंचायत ने उल्टा उसी से 600 रुपए का जुर्माना वसूल लिया.

पीड़ित ने सुनाई आपबीती

"मैं इस घटना के बाद डरा हुआ था, इस वजह से उस दिन FIR नहीं करा सका, लेकिन जब मैंने अपनी आपबीती गांववालों के सामने सुनाई तो गांववालों ने एक पंचाय बुलाई और उल्टा मेरे से ही 600 रुपए का जुर्माना वसूल लिया."
देशराज अहिरवार, पीड़ित

आखिर उस दिन हुआ क्या था?

दरअसल, महाराजपुर थाना क्षेत्र के डिकौरा गांव का रहने वाला देशराज अहिरवार गांव में सड़क निर्माण के काम में मजदूरी कर रहा था. तभी मजाक-मजाक में देशराज अहिरवार ने राम कृपाल पटेल के हाथ में गिरिस लगा दिया, जिससे नाराज राम कृपाल पटेल ने देशराज के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसके बाद उसके मुंह पर मानव मल डाल दिया.

पीड़ित का कहना है कि उसे मानव मल खिलाया गया, जबकि पुलिस ने फरियादी के शरीर पर बस मानव मल फेंकने का जिक्र किया है.

पूरे मामले में पुलिस का क्या कहना है?

इस पूरे मामले में SDOP मनमोहन सिंह बघेल का कहना है कि "घटना मजाक-मजाक में शुरू हुई थी. देशराज अहिरवार ने राम कृपाल पटेल से मजाक किया, उसके बाद यह घटना हुई है. आरोपी राम कृपाल पटेल पर SC/ST एक्ट सहित शरीर पर मल फेंकना और मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है."

पीड़ित का कहना है कि उसे मानव मल खिलाया गया, जबकि पुलिस ने फरियादी के शरीर पर बस मानव मल फेंकने का जिक्र किया है.

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहा सवाल

महाराजपुर पुलिस ने मामले में भले ही एफआईआर दर्ज कर ली हो लेकिन पीड़ित का कहना है कि उसे मानव मल खिलाया गया और मारपीट की गई जबकि पुलिस ने फरियादी के शरीर पर मानव मल फेंकने का बस जिक्र किया है.

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