छत्तीसगढ़ की कुर्सी में बैठते ही सीएम भूपेश बघेल ने अब विपक्ष के कान खड़े करना शुरू कर दिया है. बघेल ने अब पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे को कानून के दायरे में लाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि पनामा पेपर्स में रमन सिंह के बेटे का नाम होने की जल्द जांच शुरू करवाई जाएगी. बघेल ने साफ किया कि पिछली सरकार में हुए घोटालों की सभी फाइलें खोली जाएंगी.
जल्द होगी जांच शुरू
छत्तीसगढ़ के नए सीएम बघेल ने कहा कि 'जब पनामा पेपर्स में नाम होने की वजह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ की कुर्सी जा सकती है तो फिर अभिषेक सिंह की जांच क्यों नहीं होगी? अभिषेक सिंह के मामले जांच के लिए किसी समिति या जांच दल का गठन किया जाएगा या नहीं, इस सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, 'इस बारे में जल्द निर्णय होगा और मीडिया को सूचित किया जाएगा'
अभिषेक ने खारिज किए थे आरोप
बता दें कि पिछले साल काफी चर्चा में आए पनामा पेपर्स मामले में रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का नाम सामने आया था. अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए अभिषेक ने उस वक्त कहा था कि उनके तथाकथित विदेशी अकाउंट के बारे में जो सवाल उठाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से झूठ हैं. इसे उन्होंने राजनैतिक साजिश करार दिया था.
पिछली सरकार ने व्यक्तिगत रूप से मुझ पर हमले किए. उसका रिजल्ट यह हुआ कि 15 साल की सरकार 15 सीट में ही सिमट गई. उसकी सजा जनता ने दी है, मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है. लेकिन नसबंदी कांड, नान घोटाला समेत जो गड़बड़ियां हुईं है इनकी जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ सीएम
नक्सल से निपटने के लिए दूसरा रास्ता
बघेल ने कहा कि फिलहाल बस्तर क्षेत्र से सुरक्षा बलों की वापसी नहीं होगी. इन 15 सालों में कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा पैरामिलिट्री फोर्स अगर कहीं है तो वह हमारे बस्तर में है. इसके बाद भी नक्सलवाद की समस्या खत्म नहीं हुई है. इससे निपटने का दूसरा रास्ता सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक है और इसके लिए प्रभावितों से बात की जानी चाहिए. फिलहाल सुरक्षा बलों को हटाना नुकसानदायक हो सकता है.
ऐसे करेंगे वादे पूरे
वादों को पूरा करने के लिए धन की व्यवस्था करने के सवाल पर बघेल ने कहा कि 'घोषणा पत्र 5 साल के लिए है. अगर एक ही दिन में सभी घोषणाओं को पूरा करेंगे तो इसके लिए बजट कहां से आएगा. जो संसाधन है उससे वादों को पूरा करने की कोशिश होगी. फिर चाहे वह शराबबंदी हो, कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला हो, शिक्षाकर्मियों की बात हो या बिजली बिल आधा करने की बात सभी को पूरा किया जाएगा.
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