छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर मंगलवार, 30 जनवरी को बड़ा नक्सली हमाल (Naxal attack) हुआ है. इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 15 जवान घायल हुए हैं. सभी घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया जा रहा है. आईजी बस्तर पी सुंदरराज के मुताबिक, नक्सली हमला वहीं हुआ है जहां 2021 में 23 जवान शहीद हुए थे.
जानकारी के मुताबिक, बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर जोनागुड़ा और अलीगुड़ा के पास गश्त के दौरान नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग की, जिसमें 3 जवान शहीद हुए हैं, जबकि 15 घायल हुए हैं.
"हमारे जवानों ने फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया, कम से कम छह नक्सली कैडर मारे गए हैं. हमारे तीन जवान शहीद हुए हैं. घायल जवानों को रायपुर ले जाया गया है। सभी की हालत स्थिर है और खतरे से बाहर हैं."पी सुंदरराज, आईजी बस्तर
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बीजापुर-सुकमा सीमा पर स्थित टेकलगुडेम गांव में मंगलवार को एक नया सुरक्षा शिविर स्थापित किया गया, ताकि क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें.
शिविर की स्थापना के बाद, जब कोबरा/एसटीएफ/डीआरजी बल जोनागुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे, तब नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी की. मुठभेड़ के बाद नक्सली जंगल में छिपकर भाग गए.
गणतंत्र दिवस पर पहली बार फहराया तिरंगा
इस महीने की शुरुआत में, मुख्य नक्सली क्षेत्र माने जाने वाले जिले में सुरक्षाबलों ने जंगल के अंदर दो पुलिस शिविर स्थापित किए थे. गणतंत्र दिवस पर सुकमा-बीजापुर क्षेत्र में पहली बार भारतीय तिरंगा फहराया गया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर सभी हितधारकों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने कहा कि माओवादी खतरा अगले तीन वर्षों में समाप्त होना चाहिए.
पिछले कुछ महीनों में सुरक्षाकर्मियों पर कई हमले हुए हैं. दिसंबर में प्रदेश में हुए चुनाव के दौरान, नक्सलियों के तीन अलग-अलग IED हमलों में दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. वहीं एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुआ था.
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