छत्तीसगढ़ सरकार ने आय के ज्ञात स्रोत से ज्यादा संपत्ति के मामले में इस हफ्ते की शुरुआत में निलंबित किए गए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी जीपी सिंह (GP Singh) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो कैविएट दाखिल की हैं. सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है.
राज्य सरकार ने अपने स्थायी वकील सुमीर सोढ़ी के जरिए दो कैविएट दाखिल की हैं और अधिकारी के निलंबन से जुड़े मामले और आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में कोई भी आदेश देने से पहले उसका पक्ष सुनने का अनुरोध किया है.
बता दें कि राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की ओर से सिंह के परिसरों पर छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने सिंह के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति का मामला दर्ज किया.
पुलिस के मुताबिक, छापे के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं ,वे दिखाते हैं कि सिंह कथित तौर पर स्थापित सरकार और जन प्रतिनिधियों के खिलाफ साजिश रचने और वैमनस्य को बढ़ाने में शामिल थे.
सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124-ए (राजद्रोह) और 153-ए (धर्म, स्थान, जन्मस्थान, निवास और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत रायपुर के शहर कोतवाली पुलिस थाने में गुरुवार रात को मामला दर्ज किया गया.
सिंह ने शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की.
एसीबी ने आईपीएस के 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह और उनके निकट संबंधियों के ठिकानों पर इस महीने की एक से तीन तारीख तक छापे मारे थे. एसीबी के मुताबिक, छापे के दौरान सिंह और उनके संबंधियों के पास लगभग 10 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी मिली.
एजेंसी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने सिंह को निलंबित कर दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, एसीबी ने जब सिंह के निवास और उनके निकट संबंधियों के परिसरों पर छापे मारे तब उन्हें वहां कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिनके आधार पर सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.
(PTI के इनपुट्स समेत)
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