उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को अधिकारियों को नोएडा प्राधिकरण के उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में दो जुड़े टावरों के निर्माण में आरोपी हैं. मुख्यमंत्री की कार्रवाई नोएडा के सेक्टर 93ए में बनाए जा रहे 40 मंजिला ट्विन टावरों को गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद आई है.
अदालत ने नोएडा प्राधिकरण को सुपरटेक के साथ अपने अधिकारियों की मिलीभगत और ट्विन टावरों के निर्माण में रियल्टी प्रमुख द्वारा मानदंडों के उल्लंघन की कई घटनाओं की ओर इशारा करते हुए भी फटकार लगाई है.
अदालत ने सुपरटेक और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश शहरी विकास अधिनियम के तहत कानूनों का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.
जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की पीठ ने आदेश में कहा कि मामले में कानून के प्रावधानों के विकासकर्ता द्वारा उल्लंघन में योजना प्राधिकरण की नापाक संलिप्तता का पता चलदोनों टावरों को तीन महीने के भीतर ध्वस्त किया जाना है.
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सुपरटेक और नोएडा प्राधिकरण द्वारा 11 अप्रैल, 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आया, जिसमें दो टावरों, एपेक्स और सियेन को ध्वस्त करने का फैसला किया गया था, जो सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा था.
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