देश में बच्चियों के साथ दरिंदगी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम के लिए केन्द्र सरकार की कोशिशों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी पहल की है. प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में जहां तक संभव हो, एक महीने के अंदर जांच पूरी करके आरोपपत्र अदालत में दाखिल करने के निर्देश दिये गये हैं.
जारी हुआ सख्त निर्देश
पुलिस उपमहानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने मंगलवार को लखनऊ में मीडिया को बताया कि पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सभी जोनल और जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिये हैं कि 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दरिंदगी की घटना होने पर जोनल अपर पुलिस महानिदेशक या जिला पुलिस प्रमुख या फिर अन्य वरिष्ठ पुलिस अफसर घटनास्थल का दौरा करेगा, ताकि फोरेंसिक सबूत जुटाये जा सकें. इसके अलावा पूरी कोशिश की जाए कि एक महीने के अंदर जांच पूरी करके आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया जाए, ताकि अभियुक्तों को जमानत ना मिल सके.
प्रवीण कुमार ने बताया कि मुकदमे के जल्द निपटारे से गवाहों के मुकरने और मुकदमे के कमजोर होने की संभावना कम होती है. ऐसे में जरूरी है कि जिला पुलिस प्रमुख और जिलाधिकारी सम्बन्धित जिला जज से तालमेल करके इस तरह के मुकदमों की रोजाना सुनवाई सुनिश्चित करने की गुजारिश करें.
न्याय व्यवस्था होगी दुरुस्त
प्रवीण कुमार के मुताबिक, इस नई व्यवस्था एक अभियान की तरह शुरू किया जाएगा, जिसकी समय-समय पर समीक्षा भी होगी. इससे मुकदमों का जल्द निपटारा होगा और समाज में अच्छा संदेश जाएगा. कुमार ने बताया कि मार्च के महीने में बलात्कार के 25 मामलों में अपराधियों को सजा हुई है, मगर उनमें कुछ देरी हुई है. इस अंतराल को कम करने के निर्देश दिये गये हैं.
(इनपुट: भाषा)
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