महाराष्ट्र, जहां धारावी जैसे बड़े स्लम इलाके में कोरोना वायरस के केसों पर लगाम लगा ली गई, वहां अब नागपुर और कोल्हापुर जैसे शहर सरकार की बड़ी परेशानी बन गए हैं. सरकार के स्वास्थ विभाग की ओर से जारी डेटा से पता चलता है कि कोरोना का प्रकोप अब छोटे और मध्यम शहरी इलाकों में बढ़ रहा है.
खासतौर पर महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार की नींद उड़ा दी है. नागपुर में जुलाई के आखिर में 7% से भी कम लोग पॉजिटिव थे, लेकिन पिछले 12 दिनों की बात करें तो पॉजिटिव रेट बढ़कर 21% हो गया है.
नागपुर महानगर पालिका की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक, 11 मार्च से 31 जुलाई तक नागपुर जिले में 79,600 लोगों के टेस्ट हुए, जिसमें से 5,392 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. पिछले 12 दिनों में हुए कुल 33,400 टेस्ट में से 7,094 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है. पॉजिटिव रेट ने प्रशासन की परेशानी भी बढ़ा दी है.
नागपुर में मृत्यु दर भी देश के औसत से ज्यादा है. नागपुर में पिछले 15 दिनों में 301 लोगों की मौत हो गई. अब तक इस शहर में कोरोना वायरस 400 लोगों की जान ले चुका है.
महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में भी बढ़ रहे केस
वहीं, महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में भी कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं. पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में COVID-19 मरीजों की संख्या बढ़ी है. कोल्हापुर में रोजाना करीब 300 मामले सामने आ रहे हैं. 12 अगस्त को ही केवल शहर में 396 मामले रिपोर्ट किए गए. इसी के साथ, जिले में कोरोना के कंफर्म केसों की संख्या बढ़कर 11,176 हो गई है.
मराठवाडा के बीड परभानी जिले में भी कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. हालत ये है कि जिला प्रशासन ने शहर में 10 दिनों के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया है.
मुंबई में 1 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा बेहाल शहर मुंबई से अब राहत भरी खबर आ रही है. शहर का रिकवरी रेट 79% पर पहुंच गया है, और साथ ही कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी 1 लाख पार कर गई है.
देश की बात करें तो भारत में कोरोना वायरस के कंफर्म केस 24 लाख के करीब पहुंच गए हैं. इसमें से 6 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और 16 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. वहीं, देश में कोरोना वायरस से 47 हजार लोगों की मौत हो गई है.
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