राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में कथित तौर पर भीमराव अंबेडकर के पोस्टर से जुड़े विवाद में एक दलित युवक को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसकी मौत हो गई.
पुलिस के मुताबिक, रावतसर इलाके में रहने वाले विनोद बामनिया (22) ने अपने घर के बाहर अंबेडकर का पोस्टर लगाया था. यह पोस्टर अनिल सिहाग और राकेश सिहाग नाम के लोगों ने 24 मई को फाड़ दिया था.
पुलिस ने बताया कि भीम आर्मी के सदस्य विनोद बामनिया और उसके परिवार वालों ने जब इस पर आपत्ति की तो स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया और आरोपियों के परिवार वालों ने उनकी ओर से माफी मांग ली.
हालांकि, बताया जा रहा है कि आरोपियों ने इसका बदला लेने की ठान ली और उन्होंने पांच जून को अन्य लोगों के साथ विनोद से बुरी तरह से मारपीट की.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बामनिया के कजिन मुकेश, जो हत्या के मामले में शिकायतकर्ता हैं और हमले के एक चश्मदीद गवाह हैं, ने कहा कि 5 जून का हमला पोस्टर घटना से जुड़ा "बदला लेने का काम" था.
उन्होंने बताया, ''हाल ही में, हमारे गांव में रहने वाले अनिल सिहाग और राकेश सिहाग सहित कुछ लोगों ने बाबासाहेब अंबेडकर के बैनर फाड़ दिए थे, जो 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती से हमारे घर के बाहर लगे थे. उनकी पहचान करने के बाद, हमने उनके परिवारों से शिकायत की. पंचायत की मध्यस्थता से मामला सुलझ गया और उनके परिजनों ने उनकी ओर से माफी मांगी.''
मुकेश ने इसके आगे कहा, ‘’लेकिन असली दोषी बदला लेना चाहते थे. 5 जून को, विनोद और मैं गांव में अपने खेतों की ओर जा रहे थे, जब राकेश, अनिल और कुछ अन्य लोगों ने हम पर हमला किया, जो लाठी लेकर हमारा इंतजार कर रहे थे. मैं मामूली चोटों के साथ बचने में सफल रहा, लेकिन उन्होंने विनोद को हॉकी स्टिक से करीब 20-30 बार पीटा.’’
घटना में बुरी तरह से घायल विनोद को श्रीगंगानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां सात जून को उसकी मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में आरोपी अनिल सिहाग और राकेश सिहाग के साथ-साथ उनके साथी सक्षम और हैदर अली को गिरफ्तार किया है. हमले में शामिल बाकी लोगों की तलाश जारी है.
(PTI के इनपुट समेत)
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