राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) प्रदूषण से जूझ रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार, 13 नवंबर को घोषणा की है कि दिल्ली के स्कूलों में सोमवार, 15 नवंबर से एक सप्ताह तक कोई शारीरिक कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी. सरकारी कर्मचारी भी एक सप्ताह के लिए 100% क्षमता से घर से काम ( वर्क फ्रॉम होम) करेंगे.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि निजी कार्यालयों को जितना संभव हो सके 'वर्क फ्रॉम होम' विकल्प के लिए एक सलाह जारी की जाएगी. साथ ही 14 से 17 नवंबर के बीच किसी भी निर्माण गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी.
सीएम केजरीवाल ने यह फैसला दिल्ली की एयर क्वॉलिटी पर एक उच्च-स्तरीय आपातकालीन बैठक के बाद लिया है. इस बैठक में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और मुख्य सचिव मौजूद रहे.
प्रदूषण पर प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर रही दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार प्रदूषण पर एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर रही है. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि
“अगर (प्रदूषण) की स्थिति बदतर होती है तो दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन पर SC में एक सुझाव था ... हम एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर रहे हैं..जिस पर एजेंसियों, केंद्र के साथ चर्चा की जाएगी ... यदि ऐसा होता है, तो निर्माण, वाहनों की आवाजाही भी रोका जायेगा”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का यह एक्शन प्लान सुप्रीम कोर्ट में शनिवार, 13 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति पर सुनवाई के बाद आया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को 'आपातकालीन' करार दिया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वह सोमवार को राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए आपातकालीन कदम उठाने के फैसले के बारे में सूचित करे.
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