बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 ऑक्सीजन त्रासदी के बाद से सुर्खियों में रहने वाले डॉ कफील खान ने अब यूपी सरकार को चिट्ठी लिखकर खुद के निलंबन खत्म करने की अपील की है. डॉ कफील का कहना है कि आपदा के इस काल में उनके अनुभव का इस्तेमाल किया जा सकता है.
डॉ कफील का आरोप है कि जानबूझकर भी अधिकारी उनके निलंबन को खत्म नहीं कर रहे हैं, उनका कहना है कि 36 बार वो लेटर लिख चुके हैं.
मैं बी ० आर ० डी ० ऑक्सीजन त्रासदी के बाद दिनांक 22-8-2017 से निलम्बित हूं, कोरोना वायरस की दूसरी लहर पूरे भारत मे त्राही मचा रही है. मेरा ICU में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव शायद कुछ जिन्दगियां बचाने में काम आ सके. इस कोरोना महामारी में देश की सेवा करने का मौका दें.डॉ कफील खान
डॉ कफील का दावा है कि बीआरडी ऑक्सीजन वाले ही मामले में बाकी डॉक्टरों पर विभागीय कार्यवाही जारी होने के बावजूद निलंबन खत्म कर दिया गया है. वो ये बी कहते हैं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें चिकित्सकीय लापरवाही, भ्रष्टाचार जैसे आरोपों से मुक्त कर दिया और निलंबन पर विचार करने को कहा था, जिसपर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.
बीआरडी ऑक्सीजन मामला क्या है ?
खान ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 2017 ऑक्सीजन त्रासदी के बाद सुर्खियां बटोरीं, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण कई बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई थी. जहां शुरू में उन्हें आपातकालीन ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए बच्चों के तारणहार के रूप में सराहा गया था, वहीं बाद में इस मामले के नौ आरोपियों में से एक के रूप में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
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