ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की कोयला खनन घोटाला (coal Scam) मामले में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. खनन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ED ने अभिषेक बनर्जी से पूछताछ के लिए उन्हें एक और समन भेजकर 21 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है.
इससे पहले उन्हें पूछताछ के लिए ईडी ने शुक्रवार, 10 सितंबर को पेश होने के लिए कहा था लेकिन अभिषेक बैनर्जी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे. उन्होंने शार्ट नोटिस का हवाला दिया था. ईडी ने इसी महीने 6 सितंबर को भी अभिषेक बनर्जी से सवाल जवाब किए थे और यह पूछताछ 8 घंटे तक चलती रही थी.
6 सितंबर को हुई पूछताछ के बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि "अगर कोई जांच एजेंसी अवैध लेनदेन में मेरी भागीदारी को साबित कर सकती है तो मैं सबके सामने खुद को लटका लूंगा."
अभिषेक की पत्नी रूजीरा बनर्जी को भी पूछताछ के लिए ईडी ने सामान भेजा है इससे पहले उन्हें 1 सितंबर का समन भेजा गया था लेकिन वो कोरोना की परिस्थितियों का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए नहीं पहुंची थी.
क्या है पूरा घोटाला ?
दरअसल पश्चिम बंगाल में काफी ज्यादा कोयले की खदानें मौजूद है जिसमें कई खदानों में अवैध रूप से और अरबों का कोयला कारोबार किया जाता है. इनमें से कुछ खदानें ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की भी हैं. सीबीआई ने 27 नवंबर 2020 को ईसीएल के कई अफसरों के साथ सीआईएसफ और रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसमें यह आरोप लगाया गया था की ईसीएल ने सीआईएसफ और रेलवे के अधिकारियों के साथ मिलकर कोयले की चोरी की है.
इस मामले में ईसीएल ने कई लीज एरिया पर टास्क फोर्स की रेड भी डाली थी और अवैध खनन में प्रयोग किए गए उपकरणों को जब्त कर लिया था. इस पूरे मामले में अनूप मांझी मुख्य आरोपी हैं. कई लोगों से पूछताछ और जांच के बाद टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनके करीबी विनय मिश्रा के भी घोटाले में शामिल होने की बात सामने आई थी.
अब तक 2 लोग गिरफ्तार
इस मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में ईडी ने अब तक 2 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें पहला नाम विकास मिश्रा का है, जो तृणमूल यूथ विंग के नेता विनय मिश्रा के भाई हैं. दूसरा नाम बांकुरा पुलिस स्टेशन के पूर्व इंस्पेक्टर अशोक कुमार मिश्रा का है. इन्हें पिछले साल ही गिरफ्तार किया गया था.
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