महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ने एकनाथ शिंदे बालासाहेब के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए कहा कि हम शिवसैनिक हैं और हमेशा बालासाहेब और आनंद दीघे के शिवसैनिक रहेंगे. मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि वहां कौन था जिसने बाला साहेब के मतदान पर 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा में एकनाथ शिंदे की ये पहली प्रतिक्रिया था.
विधानसभा में बोलेत हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं देवेंद्र फडणवीस जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे पिछली सरकार में भी मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया और मैं समृद्धि महामार्ग परियोजना पर काम कर सका. शिंदे ने कहा कि साल 2019 में भी फडणवीस ने शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया था.
MVA सरकार में मुझे सीएम बनाया जाना था, शिंदे का दावा
इस दौरान शिंदे ने कहा कि MVA सरकार में पहले मुझे मुख्यमंत्री बनाया जाना था, लेकिन बाद में अजीत दादा या किसी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए. इसपर मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई और मैंने उद्धव जी से कहा कि आगे बढ़ो और मैं आपके साथ हूं. मुख्यमंत्री पद पर मेरी नजर कभी रही ही नहीं.
विधानसभा में बोलेत हुए भावुक हुए शिंदे
महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री एक नाथ शिंदे भावुक भी नजर आए. उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं ठाणे में शिवसेना पार्षद के रूप में काम कर रहा था तब मैंने अपने दो बच्चों को खो दिया था. इस दौरान मुझे लगा था कि मेरा सब कुछ खत्म हो गया है, मैं टूट गया था. लेकिन, आनंद दीघे साहब ने मुझे राजनीति में बने रहने के लिए आश्वस्त किया.
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