उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा जिले में दो महीने से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला पोषण पुष्टाहार का वितरण नहीं हुआ है. जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर का पुष्टाहार का वितरण नहीं हुआ है, जिसमें 18,539 गर्भवती महिलाएं और 15,217 कुपोषित बच्चे शामिल हैं.
9 मई 2023 को आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, प्रति साल 1.45 मिलियन गर्भावस्था या प्रसव के दौरान महिलाओ एवं प्रथम एक सप्ताह में शिशुओं की मृत्यु हो जाती है. इस मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए भारतीय सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा "पोषण" योजना का संचालन किया जा रहा है.
'तीन माह से नहीं मिला पुष्टाहार'
क्विंट हिंदी ने एटा के अलीगंज विकास खंड क्षेत्र के कुछ लाभार्थियों से बातचीत की. इसमें राजा का रामपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 9 के सभासद अदीश्वर दयाल ने बताया पिछले तीन महीने से बच्चों को मिलने वाला राशन (पुष्टाहार) का वितरण नहीं हुआ है. आगनबाड़ी केंद्र पर पूछने पर बताया गया दो माह से राशन ऊपर से ही नहीं आया है.
मेरे दो बच्चे हैं, जिनको तीन माह से राशन नही मिला है. हमारे घर की एक गर्भवती महिला को पिछले दो महीने (अक्टूबर और नवंबर) से गर्भावस्था के समय मिलने वाला पोषण वाला राशन नहीं मिला है.उमेश कुमार, निवासी, अलीगंज नगर पालिका क्षेत्र
आंगनबाड़ी केंद्र पर मौजूद सेविका ने बताया अभी राशन नहीं आ रहा है, आने पर वितरण किया जाएगा.
अलीगंज विकाश खंड क्षेत्र के दो कस्बा राजा का रामपुर और अलीगंज समेत 93 ग्राम पंचायतों में 293 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं. इसमें 36 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में 257 केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों पर 6,163 गर्भवती महिलाएं और 6 माह के 2,067, 6 माह से तीन वर्ष तक के 16,883, तीन वर्ष से 6 वर्ष तक के 14,705 और अति कुपोषित बच्चों की संख्या 119 है.
क्या है राशन देने का नियम?
गर्भवती महिलाओ को एक किलो चने की दाल, 1.5 किलो दलिया, 450 ग्राम दलिया मिलता है. वहीं, 6 माह से लेकर तीन वर्ष तक के बच्चों को एक किलो चने की दाल, एक किलो दलिया, 450 ग्राम रिफाइंड मिलता है.
तीन साल से 6 साल तक के बच्चों को 500 ग्राम चने की दाल और दलिया मिलता है. अति कुपोषित बच्चों को 2 किलो चने की दाल, एक किलो दलिया और 450 ग्राम दाल मिलती है.
अलीगंज विकास खंड के ग्राम नगला रैद की रहने वाली मोनिका (20) सात माह की गर्भवती हैं. उन्होंने कहा, "मुझे आज तक एक भी बार पोषण के लिए मिलने वाला राशन नहीं मिला है, न ही मुझे कोई इस योजना के बारे में जानकारी है."
लखनपुर गांव की साधन (20), आठ माह की गर्भवती हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें भी अभी तक केवल एक बार पोषण वाला राशन मिला है.
अलीगंज के CDPO संजीव कुमार ने 20 नवंबर को IGRS की शिकायत का निस्तारण करते हुए बताया कि अक्टूबर और नवंबर माह का पोषाहार भी नैफिड से कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है, मिलते ही बांट दिया जाएगा.
क्या कहते हैं आंकड़े?
पूरे एटा में 8 विकास खंड क्षेत्र की 593 ग्राम पंचायतें संचालित हैं. वहीं शहरी क्षेत्र में 6 नगर पंचायत और 4 नगर पालिका है. पूरे जनपद में कुल 1,864 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जहां से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए पुष्टाहार का वितरण किया जाता है.
आंकड़ों पर नजर डाले तो नवंबर तक जनपद में 18,539 गर्भवती महिलाएं है और 15,217 अतिकुपोषित बच्चे हैं. 6 माह तक के बच्चों की कुल संख्या 14,406, 6 माह से तीन वर्ष तक के 1,0,8521, तीन वर्ष से 6 वर्ष के 900,75 बच्चे हैं.
लाभार्थियों के लिए जनपद में कुल लगभग 1,110 क्विंटल रिफाइंड, 1,719 क्विंटल दाल और 2,109 क्विंटल दलिया का वितरण होना चाहिए.
कहां-कहां नहीं मिला राशन?
एटा के कुल 2 लाख 28 हजार 219 बच्चों समेत 18,539 गर्भवती महिलाओं को अक्टूबर और नवंबर माह का राशन नहीं मिला है. जनपद के अलीगंज, जैथरा, अवागढ़, जलेसर, मारहरा, निधौली कलां, सकीट, शीतलपुर समेत कुल 8 विकासखंड क्षेत्र और नगर निकाय की 6 नगर पंचायत राजा का रामपुर, जैथरा, मिरहची, निधौली, अवागढ़, सकीट और चार नगर पालिका में एटा, अलीगंज,मारहरा और जलेसर क्षेत्र में अक्टूबर और नवंबर महीने का कोई भी पोषण राशन का वितरण नहीं हुआ है.
पूरे जनपद में कुल 1864 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है, जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रति महीने पोषण राशन का वितरण करना होता है.
भारत में संचालित इस योजना का मुख्य उदेश्य मातृ मृत्यु दर को प्रति एक लाख पर 70 (एक लाख गर्भवती महिलाओ में 70 गर्भवती महिलाओं की मौत तक) रखना है. हालांकि, भारत सरकार इस लक्ष्य तक पहुंचने में सफल भी हो रही है.
भारत में मातृ मृत्यु दर (MMR) को लेकर PIB ने 29 नवंबर 2022 को एक प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय ने 2014 से कुछ ऐसे आंकड़े बताये थे.
2014 - 2016 = 130
2015 - 2017 = 122
2016 - 2018 = 113
2017 - 2019 = 103
2018 - 2020 = 097
(इन विगत वर्षो में कुल प्रति एक लाख मातृ महिलाओं में हो रही मातृ महिलाओं की मौत)
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, देश में कुल 36 राज्यों के 756 जनपदों में कुल 13,94,189 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है,जिनमें 12,95,179 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा शिशु,बच्चे,गर्भवती महिलाओं का पोषण आहार का ध्यान देने के लिए रखा जाता है. साथ ही, समय-समय पर जांच और टीकाकरण भी करवाया जाता है. नवंबर 2023 तक पूरे देश में कुल 10,01,13563 लाभार्थी हैं.
उत्तर प्रदेश में नवंबर 2023 तक कुल 1,64,0802 गर्भवती महिलाएं, 0 से 6 माह के बच्चे 10,00654, 6 माह से 3 साल तक के कुल 95,55,711 और 3 साल से 6 साल तक के 84,95,254 बच्चों को कुल 18,9044 आंगनबाड़ी केंद्र से 18,2798 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा पोषण आहार वितरित करना होता है.
अक्टूबर और नवंबर का पुष्टाहार शासन स्तर से ही नहीं आया है. शासन से पुष्टाहार आने के बाद में दोनों माह का वितरण करवाना सुनिश्चित किया जायेगा. हालांकि, अभी जैथरा विकास खंड की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा पोषण आहार न बाटने का मामला संज्ञान में आया था. उस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ स्थानीय थाने में 409 के तहत एक मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है. राशन आने पर सभी लाभार्थियों को शत प्रतिशत वितरण करवाना सुनिश्चित किया जायेगा.संजय कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी, एटा
उत्तर प्रदेश शासन की न्यूट्रिशन निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने कहा, "अक्तूबर और नवंबर 2023 में टेंडर की प्रक्रिया की वजह से उत्तर प्रदेश में वितरण नहीं हो पाया था. अब वितरण की प्रणाली को 15 दिनों से ठीक करवा दिया गया है, जिन जिलों में वितरण नहीं हो पाया था उन जिलों में वितरण लगातार जारी रहेगा, ब्लाक स्तर से पोषण राशन का उठान करवाना सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसके बाद ने लाभार्थियों तक राशन पहुंचाया जायेगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)