एक जमीनी विवाद में उत्तर प्रदेश के पूर्व निर्दलीय विधायक निर्वेद्र कुमार मुन्ना की रविवार को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. विवादित जमीन बस स्टेशन के पास है और इस जमीन का मामला अदालत में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरा समूह जबरन जमीन पर कब्जा करने के लिए आया और पूर्व विधायक ने इसका विरोध किया, जिसके बाद विरोधी गुट के किशन कुमार गुप्ता के लोगों ने निर्वेद्र और उनके बेटे संजीव कुमार मुन्ना को 'लाठियों' से पीटा.
निर्वेद्र कुमार मुन्ना निघासन विधानसभा सीट से 1989 और 1991 में निर्दलीय और 1993 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे.
लखीमपुर में प्रदर्शन
पूर्व विधायक गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया, जबकि उनके बेटे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि बड़ी संख्या में हथियारबंद लोग जमीन पर जबरन कब्जा करने के लिए आए थे और पिता और पुत्र के साथ मारपीट की. घटना के विरोध में स्थानीय लोग लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं.
IG लखीमपुर खीरी लक्ष्मी सिंह ने बताया,
इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. सीओ कुलदीप कुकरेती को लखीमपुर खीरी जनपद से अटैच कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है. 5 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करके 2 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
यूपी में 'जंगलराज'
इस हत्या के बाद विपक्ष योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है. यूपी के पूर्व सीएम और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा,
पुलिस की उपस्थिति में आज दिनदहाड़े लखीमपुर में तीन बार के विधायक रहे श्री निर्वेन्द्र मुन्ना जी की निर्मम हत्या व उनके पुत्र पर हुए क़ातिलाना हमले से प्रदेश हिल गया है.बीजेपी राज में प्रदेश की जनता कानून-व्यवस्था के विषय पर चिंतित ही नहीं, भयभीत भी है. निंदनीय!
यूपी कांग्रेस ने ट्वीट किया, "एक और ब्राह्मण की हत्या हुई. यूपी में जंगलराज भयावह हो रहा है."
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