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UP:किसान बिल के खिलाफ लखनऊ से लेकर इटावा,आगरा कई शहरों में विरोध

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.

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किसान बिल (Farmer Bill) को लेकर विरोध की चर्चा ज्यादातर पंजाब और हरियाणा को लेकर है. लेकिन उत्तर प्रदेश में एक अरसे के बाद विरोध की आवाज एक साथ, एक ही दिन दिखाई दी, वो भी इन्हीं कृषि बिलों पर. राज्य के कई शहरों में सोमवार को किसान बिलों के खिलाफ प्रदर्शन हुए. कहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे तो कहीं आम आदमी पार्टी के और कहीं किसान संगठनों के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और लोगों को हिरासत में लिया गया. आइए आपको बताते हैं यूपी के किन शहरों में प्रदर्शन हुए और वहां की तस्वीरें भी दिखाते हैं

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किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
लखनऊ में विरोध प्रदर्शन
(फोटो: क्विंट हिंदी)

लखनऊ में समाजवादियों का हंगामा

उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कृषि बिल आदि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. केंद्र सरकार के विरुद्ध हुए प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और किसान संगठन सक्रिय रहे.

प्रदेश के कई जिलों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर आ गए और केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारे बाजी करने लगे.

राजधानी लखनऊ में गोमतीनगर स्थित सदर तहसील में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ बेरोजगारी, बढ़ते भ्रष्टाचार, मंहगाई, कानून-व्यवस्था और किसानो की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया.

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
लखनऊ में Kisan Bill का विरोध
(फोटो: क्विंट हिंदी)

हालांकि वहां पहले से मौजूद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश कर रही थी.

बलरामपुम में SP कार्यकर्ता और पुलिस आमने-सामने

वहीं उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध करने सड़क पर उतरे तो उन्हें पुलिस का सामना करना पड़ा. बड़ी तादाद में पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए मौजूद रही.SP

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
बलरामपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और पुलिस की टीम
(फोटो: क्विंट हिंदी)

समाजवादी सरकार में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने बताया,

प्रदेश के हर जिले में हमारी पार्टी ने प्रदर्शन किया है. उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के इलाज के लिए खरीदे गए उपकरणो में हुआ भ्रष्टाचार और किसान विरोधी बिल प्रदर्शन के मुख्य मुद्दे हैं. केंद्र सरकार देश के किसानो को बड़ी कम्पनियों का गुलाम बना कर रखना चाहती है.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कन्नौज, फरेंदा (महाराजगंज) और बांदा में प्रदर्शन कर रहे शांतिपूर्ण समाजवादी कार्यकर्ताओं पर अकारण लाठीचार्ज किया.

कानपुर में चला पुलिस का डंडा

वहीं कानपुर में किसान बिल के विरोध में सड़क जाम कर रहे समाजवादी पार्टी के लोगों पर पुलिस ने बल प्रयेग किया.

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
कानपुर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करती यूपी पुलिस
(फोटो: क्विंट हिंदी)

इसके अलावा लखनऊ में वंदना चतुर्वेदी, अशोक गुप्ता सहित दर्जन भर कार्यकर्ताओं और बांदा में श्री विजय करन यादव जिलाध्यक्ष तथा नगर अध्यक्ष श्री मोहन साहू सहित लगभग चार दर्जन कार्यकर्ताओं, नेताओं को भी हिरासत में लिया गया.

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
कानपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेती पुलिस
(फोटो: क्विंट हिंदी)
किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
कानपुर की सड़कों पर किसान बिल का विरोध
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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आम आदमी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में हुई एक्टिव

उधर उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के ऐलान को देखते हुए विधानभवन के चारों तरफ के इलाकों को सील कर दिया गया. पुलिस ने प्रदर्शन करने जमा हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
लखनऊ में आम आदमी पार्टी के वर्कर को पुलिस ने हिरासत में लिया.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश त्यागी ने किसान बिल पर मोदी-योगी सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा,

“मोदी-योगी सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. हम इसके खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे.”

महेश त्यागी के मुताबिक इस बिल के पारित होने के बाद किसी भी जरूरी वस्तु को कहीं भी इकट्ठा करने, जरूरी वस्तुओं का जितना चाहे उतना भंडारण करने और जब मन चाहे उसे बेचने की स्वीकृति मिल गई है.

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इटावा में किसान उतरे सड़कों पर

इटावा में भी कृषि बिलों के कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. किसानों ने कहा कि इन कानून की वजह से खेती-किसानी का सर्वनाश हो जायेगा, खेती को कारपोरेटस के हवाले कर दिया जायेगा, मंडी और एमएसपी सरकारी खरीद को समाप्त कर सस्ते राशन की दुकानों को भी तोड़ा जायेगा .

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
इटावा में किसान सभा का आंदोलन
(फोटो: क्विंट हिंदी)

उत्तर प्रदेश किसान सभा के प्रान्तीय महामंत्री मुकुट सिंह ने माकपा, किसान सभा, आशा और रसोइयों के संयुक्त प्रदर्शन में कचहरी पर बोलते हुये कहा कि कृषि क्षेत्र और पूरे अर्थतंत्र को देशी-विदेशी कारपोरेटस के हवाले किया जा रहा है. कृषि बिलों को राज्य सभा में बिना मतदान के पास कराना संविधान, संसद और किसानों की पीठ में छुरा भोंका गया है.

जालौन में पुलिस ने हिरासत में लिए विरोध प्रदर्शन करने वालों को

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
जालौन में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के वर्कर को लिया हिरासत में
(फोटो: क्विंट हिंदी)
किसान यूनियन धरने में शामिल यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है - कृषि में कानून नियंत्रण , मुक्त विपगण, भंडारण, आयात निर्यात किसान हित में नही है. किसान यूनियन की मांग है कि समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीद को अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए

घाटमपुर में भी विरोध

उत्तर प्रदेश के घाटमपुर में सोमवार को कृषि संशोधन विधेयक 2020 के विरोध में विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौपा गया.

किसान बिल (Kisan Bill) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शहर दर शहर लाठीचार्ज हुए और हिरासत में लिया गया.
घाटमपुर में विरोध करते समाजवादी कार्यकर्ता
(फोटो: क्विंट हिंदी)

किसानों के नाम पर हो रहे विरोध का जवाब देगी बीजेपी

कृषि विधेयकों को लेकर विपक्ष द्वारा चलायी जा रही सरकार विरोधी मुहिम का जवाब बीजेपी देगी. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर बिला के बारे में फैलायी जा रही भ्रांतियों को उजागर करेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह में मीडिया से कहा है कि किसान विरोधी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे दलों की पोल जनता के बीच जाकर और सोशल मीडिया के जरिए खोलने का काम किया जाएगा.

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