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"किसानों पर नहीं चलाई पैलेट गन"- पुलिस के इस दावे पर क्या कहती है मेडिकल रिपोर्ट?

Farmer Protest 2024: द क्विंट के पास मौजूद रिपोर्ट में कहा गया है कि पैलेट के कारण किसान घायल हुआ है.

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Farmer Protest 2024: किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने किसानों के खिलाफ पैलेट गन के इस्तेमाल से इनकार किया है. डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने 18 फरवरी को द हिंदू से बात करते हुए बताया कि पंजाब-हरियाणा खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पैलेट गन के इस्तेमाल नहीं किया गया है.

हालांकि, क्विंट ने एक प्रदर्शनकारी किसान की मेडिकल रिपोर्ट हासिल की है, जो घायल हो गए थे, उन्हें पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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मरीज 14 फरवरी को ए/एच/ओ ट्रॉमा के साथ सर्जरी के लिए इमरजेंसी में खनौरी बॉर्डर पर आया था. जहां मरीज को एडमिट कर जांच-पड़ताल की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर, आई, ईएनटी और आईसीयू की राय ली गई और उसके अनुसार घायल किसान का इलाज किया गया.

रिपोर्ट में दिए गए पैलेट-संबंधी चोटों का विवरण इस प्रकार है.

  • थायरॉयड के बाएं लोब में 7 मिमी x 5 मिमी का एक सेल्युलाइड सिस्ट (गांठ) है.

  • आंतरिक और दाहिनी साइड की पेट की दीवार, स्किन में मूत्राशय और जंघास्थल के बीच और स्किन के नीचे टिश्यू (कोशिकाओं के ग्रुप) में कई मेटल डेंसिटी वाली वस्तुएं से निशान हैं.

  • एक से अधिक मेटल डेंसिटी वाली वस्तुएं जिसे पैलेट्स कहा जाता है, वह चेहरे के आसपास मौजूद मोटी चमड़ी और ऊतकों (कोशिकाओं के ग्रुप) में पाई गई हैं.

  • एक से अधिक मेटल डेंसिटी वाली वस्तुएं जिसे पैलेट्स कहा जाता है, वह गर्दन के आसपास की मोटी चमड़ी और टिश्यू (कोशिकाओं के ग्रुप) में पाई गई है.

  • एक से अधिक मैटल डेंसिटी वाली वस्तुएं जिसे पैलेट्स कहा जाता है, वह चेस्ट के आंतरिक दीवार (वाल) पर स्किन और चमड़े के नीचे के टिश्यू (कोशिकाओं के ग्रुप) में मौजूद हैं.

रिपोर्ट पर राजेंद्र अस्पताल के एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं.

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क्विंट ने रिपोर्ट में लिखी बातों की पुष्टि दिल्ली के एक फेमस निजी हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर से की. नाम न छापने की शर्त पर डॉक्टर ने कहा, "मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर, कोई भी कह सकता है कि मरीज को पैलेट से घायल हुआ है."

मौजूदा किसान आंदोलन के आयोजक किसान मजदूर मोर्चा के मीडिया कोऑर्डिनेटर महेश चौधरी ने क्विंट से बात करते हुए बड़ा आरोप लगाया. महेश ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी किसानों को गोली से चोटें आई हैं. हम अभी भी डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया में हैं कि पैलेट गन से कितने लोग घायल हुए हैं. महेश चौधरी नें दावा किया कि उन्होंने (पुलिस और अधिकारियों ने) इस क्षेत्र को युद्ध क्षेत्र में बदल दिया है और इसमें कई लोग हैं, जो अपनी दृष्टि (आंखों की रोशनी) खो चुके हैं.

(द क्विंट ने इसके लिए हरियाणा पुलिस, डीजीपी और एडीजीपी से संपर्क किया है. जब हम उनसे बात करेंगे तो आगे हम इस स्टोरी को अपडेट करेंगे.)

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